पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूरी के पुत्र मनीष पौड़ी लोकसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी हो सकते हैं। कांग्रेस के पास पौड़ी लोकसभा सीट से कोई प्रत्याशी न होने के कारण भाजपा के फौजी वोट बैंक से डरी कांग्रेस ने सैनिक पृष्ठभूमि का कोई प्रत्याशी ना होने पर आखिरकार भुवन चंद्र खंडूरी के पुत्र मनीष खंडूड़ी पर दांव खेलने का मन बनाया है।
यह कदम कांग्रेस ने ऐतिहायत के तौर पर उठाया है। कांग्रेस का यह प्लान “बी” माना जा रहा है। प्लान “ए” के अंतर्गत कांग्रेस की कोशिश है कि उन के टिकट पर कर्नल अजय कोठियाल को चुनाव लड़ाया जा सकता है। किंतु यदि वह भाजपा के टिकट पर लड़ते हैं तो फिर उनकी काट के रूप में मनीष को चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है।
मनीष खंडूरी विगत एक सप्ताह से कांग्रेस के संपर्क में हैं। वर्तमान में दिल्ली में सोशल मीडिया का कामकाज देखते हैं। पहले पौड़ी लोकसभा सीट से भुवन चंद्र खंडूरी की पुत्री तथा विधायक रितु खंडूरी भी भाजपा के टिकट पर लोकसभा टिकट की प्रत्याशी बनना चाहती थी लेकिन भाजपा हाईकमान ने न सिर्फ रितु खंडूरी को साइड कर दिया, बल्कि भुवन चंद्र खंडूड़ी को भी टिकट देने से इनकार कर दिया।
अब भुवन चंद्र खंडूरी के पुत्र कांग्रेस के टिकट पर पौड़ी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। पर्वतजन ने यमकेश्वर विधायक रितु खंडूरी से जब उनके भाई मनीष के विषय में बातचीत की तो रितु खंडूरी ने बताया कि मनीष कुछ दिन से कांग्रेस के संपर्क में है किंतु आगे का निर्णय उन्होंने मनीष पर ही छोड़ा हुआ है।
जब पर्वतजन ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट से मनीष के कांग्रेस में ज्वाइन करने के विषय में जानना चाहा तो अजय भट्ट ने कहा कि मनीष भाजपा के ₹5 की पर्ची वाले प्राथमिक सदस्य भी नहीं है।
भाजपा के लोकसभा चुनाव प्रभारी थावरचंद गहलोत ने इस विषय में कोई भी जानकारी होने से इंकार कर दिया।
जब पर्वतजन ने मनीष से उनके मोबाइल नंबर पर बात करनी चाही तो वह स्विच ऑफ था। मनीष को लेकर भले ही कांग्रेस में उत्साह का माहौल है लेकिन कांग्रेस को पूर्व विधायक तथा कैबिनेट मंत्री राजेंद्र भंडारी और बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के पूर्व अध्यक्ष तथा पूर्व विधायक गणेश गोदियाल की भारी नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है।
गणेश गोदियाल तथा राजेंद्र भंडारी ने कई मंचों पर और पार्टी की अंदरूनी बैठकों में भी यह बात साफ कर रखी है कि यदि कांग्रेस के पुराने नेताओं में से किसी को चुनाव लड़ाया जाता है तो वह कोई विरोध नहीं करेंगे किंतु यदि पार्टी से बाहर से किसी प्रत्याशी को लाकर लोकसभा का चुनाव लड़ाया जाता है तो वह इसका विरोध करेंगे।
जाहिर है कि कांग्रेस को भले ही मनीष के रूप में एक नया प्रत्याशी मिल जाए लेकिन उन्हें सबसे पहले गणेश गोदियाल और राजेंद्र भंडारी की नाराजगी से पार पाना होगा।
इन दोनों नेताओं ने साफ किया है कि वह करोड़ों रुपए के प्रलोभन को छोड़कर दल बदल के समय भी कांग्रेस के साथ ही टिके रहे, ऐसे में कांग्रेस से बाहर के किसी व्यक्ति को प्रत्याशी बनाए जाने पर वह इसका विरोध करेंगे।