ऐन मौके पर वोट संचालक बदलने का आरोप।
राजनैतिक दबाव में अपने लोगों को मानक के विपरीत बोटिंग कराने का आरोप।
गिरीश गैरोला
उत्तरकाशी माघ मेले में जल क्रीड़ा की नई पहल आम लोगों को खूब भा रही है किन्तु यहां चलने वाली बोट के चयन को लेकर राजनीति हावी होने के आरोप लगने लगे हैं। आरोप है कि उत्तरकाशी जिला प्रशासन की मांग पर टिहरी झील प्राधिकरण ने जिस ग्रुप को उत्तरकाशी में नौकायन की अनुमति दी थी उसे अंतिम दौर में ऐन वक्त पर राजनीतिक दबाव के चलते पलट दिया गया।
टिहरी के लखवीर सिंह चौहान ने आरोप लगाया कि सभी पेपर वर्क और मानक पूरे करने के बाद भी एन वक्त पर फैसला पलट कर अपने लोगों के पक्ष में कर दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिन लोगों को बोट संचालन की अनुमति दी गयी है, उनके पास बोट संचालन का नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ वाटर स्पोर्ट्स का लाइसेंस नहीं है। जो लाइसेंसधारी इस वक्त टिहरी झील में नौकायन कर रहे हैं, उनके लाइसेंस की फोटो कॉपी उत्तरकाशी में दिखाकर फर्जीवाड़ा कर लोगों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि एक लाइसेंस पर 6 वोट कैसे संचालित की जा सकती हैं !
वहीं मौके पर संचालन कर रहे वोट मालिक दिनेश पंवार ने इस आरोप को सिरे से खारिज किया है, उन्होंने कहा है कि उनके पास नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ वाटर स्पोर्ट्स गोवा से प्रशिक्षण प्राप्त लाइसेंसधारी उपलब्ध है और जिनकी बोट का चयन उत्तरकाशी के लिए नहीं हो पाया है, वे लोग राजनीति कर मामले को उलझा रहे हैं ।
इस संबंध में उत्तरकाशी के एसडीएम देवेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि वह बोट संचालकों के लाइसेंस की जांच करेंगे और किसी भी सूरत में बगैर लाइसेंस के नौकायन की अनुमति नहीं दी जाएगी । उन्होंने कहा उनका प्रयास रहेगा कि हर साल माघ मेले में वाटर स्पोर्ट्स को शामिल किया जाए।
कहते हैं कि पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी यहां रुकती नहीं है, इसलिए यहां के काम नहीं आती है। किंतु जल विद्युत परियोजना के लिए रोके गए पानी में वाटर स्पोर्ट्स आयोजित करा कर स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार दिया जा सकता है। इसके बाद ही पहाड़ के पानी और जवानी के पहाड़ में काम आने की कहावत को झूठलाया जा सकता है। इसके लिये जरूरी है कि इस खेल को राजनीति से दूर रखा जाय।