कुमार दुष्यंत//
हरिद्वार। पिछले दिनों भाजपा को ऊपर से नीचे तक असहज कर देने वाले हरिद्वार के मेयर व सतपाल महाराज प्रकरण की जांच अनुशासन समिति ने शुरू कर दी है। माना यही जा रहा है कि इस मामले में मेयर पर गाज गिरना तय है।
भाजपा की प्रांतीय अनुशासन समिति के अध्यक्ष ज्ञानसिंह नेगी एवं महामंत्री प्रकाश पसबोला इस पूरे प्रकरण की जांच कर रहे हैं। इस दो सदस्यीय जांच कमेटी को पंद्रह दिन में प्रदेश अध्यक्ष को अपनी रिपोर्ट सौंपनी है। जिसके बाद रिपोर्ट के आधार दोषी लोगों के खिलाफ दंड का निर्णय लिया जाएगा।
कमेटी ने यद्यपि अभी किसी पक्ष को पूछताछ के लिए नहीं बुलाया है, लेकिन जांच के बिंदु तय किये जा चुके हैं। कमेटी इस पूरे विवाद में मेयर मनोज गर्ग व सतपाल महाराज के समर्थकों सहित नगर निगम कर्मियों, नगर विकास मंत्री मदन कौशिक व पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की भूमिका की भी जांच करेगी।
जांच के बिंदुओं में मेयर का स्वयं दीवार तोडऩे का निर्णय लेना, दीवार तोडऩे से पूर्व आश्रम के लोगों को भरोसे में न लेना, मेयर की मौजूदगी में निगम कर्मियों द्वारा प्रेमनगर आश्रम के बाहर कूड़ा डालना एवं मेयर समर्थकों द्वारा मेयर के सामने ही कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के खिलाफ नारे लगाना शामिल है।
इन बिंदुओं पर मेयर का दोष सिद्ध होने पर कमेटी मेयर की चोटों की गंभीरता पर भी निर्णय दे सकती है। नगर विकास मंत्री का इस पूरे प्रकरण से प्रत्यक्ष तौर पर कोई लेना-देना नहीं है। सतपाल महाराज भी विवाद के वक्त आश्रम में नहीं थे। इसलिए संभावना यही व्यक्त की जा रही है इस पूरे मामले में मेयर पर ही गाज गिरना तय है।
महाराज द्वारा इशारों में इस पूरे विवाद को करोड़ों रुपये सालाना लाभ वाली पर्यटन विभाग की दीनदयाल पार्किंग से जोड़ दिये जाने के बाद मंत्री खेमा भी इस विवाद से दूरी बनाए हुए हैं। हालात को देखकर मेयर मनोज गर्ग के तेवर भी अब बदले हुए हैं। पहले महाराज द्वारा मेयर की माफी के सवाल पर टस से मस न होने वाले मेयर अब कह रहे हैं कि ”पार्टी हमारी माईबाप है। जिसने भी गलती की है, उसे दंड मिलना चाहिए। अगर अनुशासन समिति का निर्णय मेरे खिलाफ आएगा तो जो भी वह सजा देंगे मैं भुगतने को तैयार हूं।”
अनुशासन समिति की संभावित रिपोर्ट व भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए मेयर व नगर विकास मंत्री का खेमा अभी से आने वाली परिस्थितियों की भूमिका बनाने में जुट गया है।