भूपेंद्र कुमार। देहरादून,
उत्तराखंड हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश और उत्तराखंड मानवाधिकार आयोग सदस्य रहे राजेश टंडन को उत्तराखंड विधि आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है। विधानसभा परिसर के भूतल में 14 नंबर आयोग के कार्यालय के लिए आवंटित किया गया था।
आज 17 अप्रैल को उनके कार्यालय का विधिवत पूजा अर्चना के बाद शुभारंभ कर दिया गया है। हालांकि, इससे पहले भी टंडन अल्पकाल (जनवरी 2017 से अप्रैल 2017) के लिए इस पद पर रहे थे, लेकिन फिर सरकार ने यह जिम्मेदारी उनसे वापस ले ली थी। अब नई नियुक्ति के रूप में उन्हें दोबारा अध्यक्ष बनाया गया है।
जस्टिस टंडन वर्तमान कानूनों का परीक्षण कर उनके सुधार के लिए राज्य सरकार को अपनी संस्तुति प्रदान कर रहे हैं। जस्टिस टंडन कहते हैं कि उनकी प्राथमिकता पर्वतीय क्षेत्र के अनुसार खाद्य सुरक्षा बेरोजगारी और निर्बल वर्ग के हितों के लिए प्रभावी कानून बनाए जाने के लिए राज्य सरकार को संस्तुति करना है।
साथ ही वह ऐसे कानूनों को भी समाप्त करने की संस्तुति करेंगे जो बदलते दौर के साथ उत्तराखंड के संदर्भ में अपनी प्रासंगिकता खो चुके हैं।
जस्टिस टंडन कहते हैं कि वह विभिन्न विश्वविद्यालयों के बायलॉज को मिलाकर एक मॉडल बाइलॉज तैयार करने की दिशा में भी काम कर रहे हैं।