पर्वतजन पत्रिका ने कुछ दिन पहले ही सचिवालय में समीक्षा अधिकारियों के तबादले को लेकर एक खबर प्रकाशित की थी। इसमें दिशांत नाम के समीक्षा अधिकारी का नियम विरुद्ध तबादला खेल अनुभाग से कार्मिक अनुभाग में कर दिया था। जबकि 6 माह पहले ही दिशांत कार्मिक अनुभाग में पिछले डेड साल से कार्यरत थे।
पर्वतजन ने यह खबर प्रकाशित की थी कि यह तबादला नियमों के विरुद्ध है। दरअसल सचिवालय प्रशासन विभाग ने 6 माह पहले ही यह नियम बनाया था कि कोई भी कार्मिक 3 साल से अधिक किसी पद पर नहीं रहेगा और 5 साल से पहले उसे पिछला विभाग नहीं दिया जाएगा। लेकिन अपने नियम कायदों को सचिवालय प्रशासन विभाग ने ही तोड़ दिया था। इसमें गोविंद चौहान नाम के समीक्षा अधिकारी को कार्मिक अनुभाग से खेल विभाग में ट्रांसफर कर दिया था और दिशांत नाम के समीक्षा अधिकारी को कार्मिक अनुभाग में स्थापित कर दिया था।
पर्वतजन में में यह खबर प्रकाशित होने के बाद सचिवालय प्रशासन ने तबादला निरस्त कर दिया है।
सचिवालय मे भले ही सचिवालय प्रशासन ने उपरोक्त तबादले को निरस्त कर दिया है किंतु हेराफेरी से फिर भी विभाग को कोई गुरेज नहीं है।
एक ओर उपरोक्त तबादला निरस्त किया गया तो दूसरी ओर समीक्षा अधिकारी सुनील मेवाड़ को सचिवालय प्रशासन अनुभाग 2 से हटाकर आयुष एवं आयुष शिक्षा अनुभाग में तैनात कर दिया गया है।
श्री मेवाड़ 6 माह पहले ही वित्त विभाग से सचिवालय प्रशासन में आए थे। जब सचिवालय प्रशासन विभाग अपने नियम खुद की मनमानी से तोड़ देगा तो फिर राजनीतिक तथा उच्चाधिकारियों के दबाव से खुद को मुक्त रखने का नैतिक साहस कैसे दिखा पाएगा !
पर्वतजन इस नियम विरुद्ध तबादले के निरस्त होने के लिए अपने पाठकों का शुक्रिया और आभार प्रकट करता है। उन सभी पाठकों को धन्यवाद जिन्होंने इस खबर को अधिक से अधिक शेयर करके हुक्मरान तक यह बात पहुंचाई और उन्हें इस तबादले को निरस्त करने के लिए मजबूर होना पड़ा। आपको जो भी खबर जनहित में पसंद आए उसे शेयर जरूर करें। आपका एक शेयर किसी को इंसाफ दिला सकता है।