कुमार दुष्यंत //
हरिद्वार। तीन नये नामों के साथ अखाड़ा परिषद् की फर्जी संतों की सूची सत्रह के आंकडे पर आकर ठहर गयी है।उम्मीद करीब दर्जन भर ओर फर्जी संतों की घोषणा की थी।लेकिन अखाड़ा परिषद् अध्यक्ष ने जल्द ही समाज में संतों की किरकिरी कर रहे संतों की तीसरी सूची भी जारी करने की घोषणा की है।
इलाहाबाद में सम्पन्न अखाड़ा परिषद् की बैठक में दिल्ली के वीरेन्द्र दीक्षित, बस्ती के सच्चिदानंद व इलाहाबाद की त्रिकाल भवंता के नाम फर्जी संतों के रुप में घोषित किये गये हैं।वीरेन्द्र दीक्षित पर महिलाओं को बंधक बना कर रखने का आरोप है।सच्चिदानंद पर संत परंपरा का न होने का आरोप है।जबकि त्रिकाल भवंता पर अनुशासन तोड़ने का आरोप है।चौदह संतों की पहली सूची के बाद अब अखाड़ा परिषद् द्वारा घोषित फर्जी संतों की संख्या सत्रह हो गयी है।
उम्मीद थी की इस बैठक में भी करीब दर्जन भर नामों का फर्जी संतों के रुप में खुलासा होगा।लेकिन आमराय न बन पाने के कारण नयी सूची तीन पर ही अटक गयी है।परिषद् अध्यक्ष नरेंद्र गिरी का कहना है कि शीघ्र ही तीसरी सूची भी जारी होगी ।
त्रिकाल भवंता:
इलाहाबाद की महिला संत त्रिकाल भवंता ने अखाड़ों में साध्वियों के शोषण के आरोप लगाते हुए वर्ष 2008 में महिला संतों के अलग परी अखाड़े का गठन कर लिया था।अखाड़ा परिषद् ने इसे अखाड़ा परंपरा के खिलाफ बताते हुए त्रिकाल भवंता को इसे समाप्त करने की चेतावनी दी थी।लेकिन इसके उलट कुंभ के अवसरों पर त्रिकाल भवंता परी अखाड़े के लिए भूमि की मांग व स्नान क्रम में शामिल होने की मांग कर अखाडों के लिए समस्या बन रही थी।
दूसरी सूची में अखाड़ा परिषद् ने स्वयं को शंकराचार्यों के विवाद से भी दूर रखा है।अगली सूची में फर्जी शंकराचार्यों के नाम भी शामिल होने से आने वाले वक्त में संतों की राजनीति गर्माएगी।