हम नहीं सुधरेंगे – पीएमजीएसवाई ।
आम जन के बाद अब सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक भी करने लगे शिकायत – कौन सुने फरियाद!
गिरीश गैरोला
जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति की बैठक ले रही टिहरी सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह के सामने गंगोत्री के विधायक गोपाल सिंह रावत और यमुनोत्री के विधायक केदार सिंह रावत ने पीएमजीएसवाई के रवैये को लेकर जमकर भड़ास निकाली।
गौरतलब है कि दोनों विधायक बीजेपी सरकार के हैं और केंद्र में भी बीजेपी की सरकार है। केंद्रीय योजनाओं की ही समीक्षा हो रही है । और बार बार चेतावनी देने के बाद भी विभाग के रवैये में कोई फर्क नहीं दिखाई दे रहा है। विधायक यमनोत्री केदार सिंह रावत कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में काश्तकारों को उनकी जमीन का प्रतिकर भी नहीं दिया जा रहा है। पूर्व में विभाग द्वारा प्रतिकर के सभी मामले मुख्य अभियंता स्तर पर लंबित बताए गए थे, किंतु इस बैठक में अमीनों की कमी का नया गीत गाया रहा था। इससे जाहिर होता है विभाग ने काश्तकारों के प्रतिकर के प्रस्ताव बनाये ही नहीं है।
गंगोत्री के विधायक गोपाल सिंह रावत ने भी पीएमजीएसवाई के अधिकारियों पर अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि स्पष्ट दिशा निर्देश दिए गए हैं कि सड़क काटने से पहले कास्तकार को उसका मुआवजा दिया जाए अथवा आमजन की सहमति लेकर ही सड़क काटने का काम शुरू किया जाए । किंतु विभाग मनमर्जी से सड़क काटने का काम कर रहा है और काश्तकारों को प्रतिकर के लिए विभाग के चक्कर काटने को मजबूर होना पड़ रहा है।
केंद्रीय योजनाओं की समीक्षा बैठक में उत्तरकाशी पहुंची टिहरी सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह के सामने भी एक बार फिर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अधिकारियों ने जाहिर करा दिया कि- हम नहीं सुधरेंगे।
गौरतलब है कि प्रभारी मंत्री के जनता दरबार की बात हो अथवा मुख्यमंत्री की सभा में दिए गए ज्ञापन, सभी में जनपद की प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के घटिया गुणवत्ता और अधिकारियों के नक्कारेपन की शिकायत बराबर आती रही है। और हर बार उन्हें अल्टीमेटम भी दिया जाता है लेकिन विभाग है कि अपनी कार्यशैली को बदलने के लिए तैयार ही नहीं है। यही वजह है कि जिले के प्रभारी मंत्री मदन कौशिक के जनता दरबार में हर तीसरी शिकायत पीएमजीएसवाई विभाग से थी तो मंत्री को मंच से ही कहना पड़ा कि पीएमजीएसवाई के अधिकारी बार-बार अपनी सीट पर लौटने के बजाय मंच पर ही खड़े रहें क्योंकि बार-बार उनकी ही शिकायत आ रही है । यह बात अलग है कि मंच पर हाथ बांधे खड़े जिले में नए तैनात सहायक अभियंताओं को भेज दिया गया जिन्हें न तो योजनाओं के बारे में कोई जानकारी थी और न उसका समाधान। जबकि जिम्मेदार अधिकारी मीटिंग का बहाना कर मंत्री के जनता दरबार से दूर रहने का बहाना तलाश ही लेते हैं।
बैठक की अध्यक्षता कर रही टिहरी सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह ने स्वीकार किया कि सड़क के मामले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की हालत बेहद खस्ता है। उन्होंने विभाग को एक बार फिर 15 दिन का अल्टीमेटम देकर लोगों की शिकायतें दूर करने की बात कही है।अब देखना यह है कि इस बार का अल्टीमेटम पिछले अल्टीमेट से क्या नया गुल खिलाता है।