कमल जगाती, नैनीताल
उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने आज एक महत्वपूर्ण मामले में सुनवाई करते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष जसोदा राणा को जिला पंचायत अध्यक्ष के पद से हटाने के आदेश दे दिए हैं। न्यायालय ने कहा कि जब उसका नाम क्षेत्र की वोटर लिस्ट में नहीं है तो वो पद पर नहीं रह सकती।
मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति एन.एस.धनिक की खंडपीठ में जसोदा राणा ने याचिका दायर करते हुए कहा था कि वो उत्तरकाशी के बड़कोट नगर पालिका से चेयरमैन पद की भाजपा उम्मीदवार है। उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए सरकार को पत्र लिखाकर उनका नाम ग्रामीण क्षेत्र की वोटर लिस्ट से हटाकर बड़कोट नगर पालिका की वोटर लिस्ट में जोड़ने की मांग की थी।
उत्तरकाशी के जिलाधिकारी ने वोटर लिस्ट से नाम हटाने का प्रार्थना पत्र आयोग को भेज दिया, लेकिन उन्होंने जसोदा राणा को नगर पालिका से जोड़ने वाला प्रार्थना पत्र नही भेजा और उसे अपने पास रख लिया। याचिकर्ता का यह भी कहना था कि 23 अक्टूबर 2018 को नामांकन करने की तिथि थी और आयोग ने उनका नाम हटाने का आदेश 22 अक्टूबर को दे दिया। उनका नाम हटा तो दिया गया परन्तु जोड़ा नही गया। 22 अक्टूबर को निवार्चन आयोग ने देहरादून से रिपोर्ट मंगाकर कहा कि उनका नाम देहरादून की वोटर लिस्ट में भी मौजूद है। याचिकर्ता का यह भी कहना था कि उन्होंने कभी भी देहरादून की वोटर लिस्ट में अपने नाम के लिए आवेदन नही किया और उनको फंसाया जा रहा है।
उन्होंने वोटर लिस्ट में नाम नही जोड़ने के मामले को पूर्व में उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी लेकिन न्यायालय ने उसे निरस्त कर दिया था। इसी बीच उत्तरकाशी के जिलाधिकारी ने सरकार को पत्र लिखकर कहा था कि जसोदा राणा का नाम बड़कोट जिला पंचायत की वोटर लिस्ट से कट चुका है इसलिए उनको जिला पंचायत के पद से हटा दिया जाए।
इस आदेश को उन्होंने उच्च न्यायालय की एकलपीठ में चुनौती दी जिसपर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने उनको जिला पंचायत अध्यक्ष के पद पर बने रहने के आदेश दिए थे। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र से नाम हटाए जाने के बाद जिलाधिकारी के पत्र का संज्ञान लेते हुए खण्डपीठ में याचिका दायर की।
उन्होंने न्यायालय को बताया कि जिलाधिकारी ने उनका नाम एक क्षेत्र से काट तो दिया लेकिन दूसरे क्षेत्र में जोड़ा नहीं जिसके चलते अब वो चुनाव लड़ने में असमर्थ हैं। अधिवक्ता अवतार सिंह रावत ने बताया कि आज सुनवाई के बाद न्यायालय ने कहा कि जिस दिन से जसोदा राणा का नाम लिस्ट से कटा है, वो उस दिन से पद पर रहने की योग्य नहीं हैं लिहाजा उन्हें पद से हटा दिया जाए।