डबल इंजन की सरकार में भारी पड़ते बाबू
उत्तराखंड को प्रदूषणमुक्त बनाने की बात कहकर प्रदेशभर से अवैध होर्डिंग हटाने का मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का दो महीने पुराना फरमान हवा में उड़ गया है। पूरे प्रदेश के साथ-साथ देहरादून जनपद का बुरा हाल है। चारों ओर अवैध होर्डिंगों की ऐसी बाढ़ इससे पहले नहीं देखी गई। यह भी अजीब बात है कि मुख्यमंत्री का आदेश जारी होने के बाद जहां उस आदेश का पालन होना चाहिए था, वहां खुला उल्लंघन हो रहा है।
नेहरू कालोनी के फव्वारा चौक पर ट्रैफिक निदेशालय उत्तराखंड पुलिस की ओर से एक नया होर्डिंग ‘निरोगÓ के नाम से लगाया गया है, जिसमें एंबुलेंस को रास्ता देने से लेकर दिल को बचाने के लिए रास्ता छोडऩे का अनुरोध किया गया है। अब उत्तराखंड पुलिस आपका मित्र को यह होर्डिंग लगाने का आदेश किसने दिया, यह तो उत्तराखंड पुलिस ही बता सकती है, किंतु पुलिस विभाग द्वारा शहरभर में लगाए गए ये अवैध होर्डिंग उसके बाद लगे, जब मुख्यमंत्री ने अवैध होर्डिंगों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की बात की थी।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय के बाहर भी इसी प्रकार के अवैध होर्डिंग टैक्स चोरी कर लगे हैं। मुख्यमंत्री निवास, बीजापुर गेस्ट हाउस, विधायक निवास, यमुना कालोनी मंत्री आवास से लेकर पूरा देहरादून शहर अवैध होर्डिंगों से पाट दिया गया है। जिस प्रकार से अवैध होर्डिंगों की बाढ़ आई है, उससे तो ऐसा लगने लगा है कि यह सब मुख्यमंत्री के आदेश का जवाब देने की रणनीति के तहत किया जा रहा है।
देखना है कि अब सरकार आदेश के इस उल्लंघन पर क्या कार्यवाही करती है?