मामचन्द शाह, देहरादून
लगभग एक माह से अधिक का समय हो गया और गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) के प्रबंध निदेशक लगातार नए- नए साहसिक निर्णय ले रही हैं और चौतरफा आलोचनाओं का शिकार भी हो रही हैं। ऐसे में पर्वतजन ने भी इस पूरे घटनाक्रम को तटस्थ रहकर देखने के बजाए वास्तविकता जानने की कोशिश की और इस बार निगम के प्रबंध निदेशक से मिलने के बजाय उनके अधीन कार्य कर रहे विभिन्न अधिकारी, कर्मचारियों से समझने की कोशिश की कि आख़िर मामला क्या है !
निगम मे पहली बार आयरन लेडी
पहली बार निगम को एक महिला प्रबंध निदेशक मिली है। पर्वतजन ने अपनी तहकीकात में यह पाया कि यह सब हंगामा निगम के पतन के लिए जिम्मेदार कुछ लोगों के कारण बरपाया जा रहा है। वे यह नहीं चाहते कि उत्तराखंड का यह निगम फिर से बुलंदी तक पहुंचे।
तो आइए आज बात करते हैं उत्तराखंड की एक ऐसी आईएएस अधिकारी की, जिस के नेतृत्व व साहस की चर्चा आजकल सभी जगह है।
हम बात कर रहे हैं गढ़वाल मंडल विकास निगम के प्रबंध निदेशक श्रीमती ज्योति नीरज खैरवाल की। गढ़वाल मंडल विकास निगम लिमिटेड एक समय में उत्तर प्रदेश सरकार की एक अग्रणी संस्था हुआ करता था तथा देश-विदेश में इसका नाम था।
समय के साथ जीएमवीएन सभी गलत कारणों से चर्चा में रहने लगा तथा इसकी माली हालत भी ऐसी हो गई कि निगम बंदी की कगार पर आ गया। कर्मचारियों को वेतन के लाले पड़ गए। सेवानिवृत्त कर्मचारियों के भुगतान रुक गए तथा कर्मचारी भविष्य निधि की किश्त भी जमा होनी बंद हो गई।
ऐसे में उत्तराखंड की लौह महिला ज्योति नीरज खैरवाल ने जीएमवीएन की प्रबंध निदेशक का पद संभाला आने की कुछ ही दिनों के भीतर ही उन्होंने निगम की कार्यशैली व घाटे के कारण को समझ लिया और तत्काल साहसिक कदम उठाते हुए अपनी मंशा सुस्पष्ट कर दी।
तय किए स्पष्ट लक्ष्य
प्रबंध निदेशक ने स्वयं के लिए तथा निगम के लिए कुछ ऐसे लक्ष्य निर्धारित किए, जिनके बारे में आज तक कोई सोचने का भी साहस नहीं कर पाया।
कुछ निर्धारित किए गए लक्ष्य इस तरह से हैं –जीएमवीएन को घाटे से उबार कर एक लाभकारी संस्था बनाना। सुनने में यह भले ही परिकल्पना लगता हो किंतु प्रबंध निदेशक की योजना एकदम स्पष्ट है। इसके लिए तीन दिशाओं में कार्य किया जा रहा है।
एक निगम में आने वाले किसी भी पर्यटक का ‘अतिथि देवो भव’ की भावना के अनुसार ही स्वागत किया जाए तथा कोई भी पर्यटक एक wow की भावना के साथ पूर्णतया संतुष्ट होकर ही जाए।
दूसरा निगम में व्यवसाय के नए संसाधनों को सृजित या पुनर्जीवित करना तथा तीसरा किसी भी प्रकार की निगम की आय में हो रही लीकेज या धन के दुरुपयोग को रोकना।
तीसरा है जीएमवीएन की वर्तमान छवि को सुधारकर एक स्वस्थ व व्यवसायिक छवि देकर प्रतिस्पर्धी बाजार में एक उत्कृष्ट ब्रांड के रूप में स्थापित करना।
जीएमवीएन के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारियों की मानसिकता से निकालकर प्रोफेशनल बनाना। निगम के प्रत्येक पर्यटक आवास गृह में कदम रखते ही किसी पर्यटक को ऐसा लगे कि वह किसी चार या पांच सितारा होटल में प्रवेश कर रहा है। निगम के सभी प्रतिष्ठान अपने ग्राहकों के लिए हर प्रकार की सुख सुविधा से संपन्न तथा व्यवसायिक छवि वाले हों इसके लिए सभी आवश्यक ढांचागत सुविधाएं व अन्य लग्जरी सुविधाएं सभी पर्यटक आवास गृह में एक-एक कर जुटाई जाएं ।
अन्य संसाधनों से भी व्यवसाय
जीएमवीएन के लिए व्यवसाय के अन्य संसाधनों को जुटाना जल निगम के कुछ चयनित पर्यटक आवास ग्रहों को तीर्थ यात्रा के लिए, कुछ को पारिवारिक छुट्टियां मनाने के लिए केंद्र के रुप में, कुछ को डेस्टिनेशन वेडिंग के रूप में, कुछ को साहसिक पर्यटन के रूप में,कुछ को योगा एवं स्वास्थ्य लाभ के रुप में,कुछ को नवविवाहित जोड़ों के हनीमून के स्थान के रूप में, कुछ को कारपोरेट कान्फ्रेंस पर सेमिनार स्थल के रूप में तथा कुछ को आउटबाउंड ट्रेनिंग सेंटर के रूप में स्थापित व प्रचारित करने पर फोकस किया जा रहा है।
इसके अतिरिक्त कई प्रकार के अन्य विषयों पर कार्य गतिमान हैं, जिसके द्वारा निगम की आय में निरंतर वृद्धि करना है। जीएमवीएन को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन के मानचित्र पर स्थापित करना, विश्व के किसी भी भाग से कोई भी पर्यटक यदि छुट्टियों के लिए योजना बना रहा है तो वह निगम के विभिन्न पर्यटक स्थलों के बारे में भी जानता हो तथा जीएमवीएन को भी एक संभावित टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में विचार करें। इसी प्रकार से प्रबंध निदेशक ने कई प्रकार की कार्य योजनाएं बनाकर उन पर काफी तेजी से काम करना आरंभ कर दिया है।
निठल्ले कर्मचारियों को कसा तो तिलमिला उठे
सर्वप्रथम सभी कर्मचारियों को 10:00 बजे कार्यालय में पहुंचने तथा 5:00 बजे तक कार्यालय में उपस्थित रहने का आदेश जारी किया गया।
निगम की दशकों की नौकरी के पश्चात भी कई कर्मचारियों ने कार्यालय में प्रातः 10:00 से लेकर शाम 5:00 बजे तक कभी नहीं देखे थे। वह कर्मचारी जो साढे 11-12 बजे आकर हाजिरी लगाकर किटी पार्टी करने चले जाते थे तथा शाम को चार 4 – 4:30 बजे आकर फिर से शक्ल दिखा कर अपने पूरे दिन की नौकरी की इतिश्री कर कर लेते थे, उनके ऊपर तो मुसीबतों का पहाड़ ही टूट गया और उनको समझ नहीं आ रहा है कि शाम के समय में ऑफिस में बैठकर कौन सा काम किया जाए !
वर्षों से जमे कर्मचारियों को हिलाया तो दिक्कत
वर्षों से एक ही स्थान पर जमे और मठाधीश बने कर्मचारियों का भी अन्यत्र स्थान पर स्थानांतरण करना एक अन्य अति महत्वपूर्ण एवं निगम के स्वास्थ्य में संजीवनी का काम करने वाला कदम है।
प्रबंध निदेशक ने उनके सम्मुख प्रस्तुत होने वाली किसी भी पत्रावली से जुड़े संबंधित कर्मचारियों से सीधी बातचीत करके एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनाया कि अचानक सभी लोग अपने कार्य को और पत्रावलियों को और बेहतर तरीके से समझने लगे।
इन सब के अतिरिक्त भी निगम हित में प्रबंध निदेशक ने कई कदम उठाए, जिनका अब परिणाम भी नजर आने लगा है। कुछ परिणामों पर हम यहां गौर कर सकते हैं।
गत वर्ष 2017 की तुलना में 1 जनवरी से 15 जून 2018 तक निगम के यात्रा कार्यालय, पीआरो कैंपों तथा केदारनाथ धाम इत्यादि की आय में काफी वृद्धि देखी गई।
निगम की कैंटीनों मे लागत और गुणवत्ता को कसा
निगम की सभी कैंटीनों की फ़ूड कॉस्ट एवं दक्षता के आधार पर रैंकिंग की गई। अंतरराष्ट्रीय मानकों के आधार पर किसी भी रेस्टोरेंट की फूड कॉस्ट 35% के लगभग रहती है। निगम की कुछ कैंटीनों में तो फ़ूड कॉस्ट 30 प्रतिशत के आसपास है, किंतु कुछ स्थानों पर 70 से लेकर 80% भी है।
ऐसे में सभी कैंटीनों की रैंकिंग करके उनकी फ़ूड कॉस्ट गुणवत्ता एवं दक्षता में भी सुधार किया जा रहा है। निगम के सभी होटलों पर्यटक आवास ग्रहों की भी गुणवत्ता दक्षता एवं ग्राहक संतुष्टि के आधार पर रैंकिंग की जा रही है। विगत 3 माह से लगातार लाभ में रहने वाले टॉप-10 पर्यटक आवास ग्रहों को सम्मानित किया जा रहा है तथा अपने लाभांश का अपने पर्यटक आवास गृह को उच्चीकरण करने के लिए संबंधित प्रबंधक को अधिक स्वायत्तता दी जा रही है। इसी प्रकार लगातार तीन माह तक घाटे में रहने वाले 10 पर्यटक आवास ग्रहों को भी चयनित करके उनको लगातार हो रहे घाटे से निकालने के लिए रिवाइवल प्लान बनाया जा रहा है।
निगम को पर्यटक के सहज सुलभ बनाने का काम
निगम की सभी यूनिटों को कैशलेस बनाया जा रहा है। पीओएस मशीनों Paytm व जीएमवीएन कैशलेस कार्ड को लांच किया गया है। यात्रियों की सुविधा के लिए जिससे कि उनको ATM की कतार में न लगना पड़े तथा नगदी रखने के रिस्क से भी बचाने के लिए हर प्रकार के कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा दिया जा रहा है।
निगम की प्रत्येक अच्छी यूनिट को ट्रिप एडवाइजर पर पंजीकृत किया गया है। जिससे कि विश्व के किसी भी भाग से कोई भी पर्यटक निगम के पर्यटक आवास ग्रहों के बारे में वहां मिलने वाली सुविधाओं के बारे में तथा वहां पूर्व में रह चुके पर्यटकों के अनुभव के बारे में जान सकें। निगम के कई पर्यटक आवास ग्रहों की रैंकिंग ट्रिप एडवाइजर पर 4 तथा 4.5 से ऊपर है।
निगम के सभी पर्यटक आवास ग्रहों को फ्री वाई-फाई सेंटरों के रूप में विकसित किया जा रहा है। किसी भी पर्यटक के द्वारा ट्रिप एडवाइजर या अन्य किसी माध्यम से की गई किसी भी शिकायत या सुझाव के निराकरण के लिए एक प्रतिक्रिया समय (रेस्पांस टाइम)निर्धारित किया गया है, जिसके भीतर उस समस्या के निराकरण या सुझाव पर अमल करके पर्यटक को सूचित किया जाना है।
नकारा कर्मचारियों को ससम्मान विदाई
निगम के अक्षम वर्षो से कार्य न करने वाले या व्यसनी कर्मचारियों के हितों को दृष्टिगत रखते हुए उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करने या उनको बर्खास्त करने के स्थान पर सीआरएस के द्वारा एक सम्मानजनक विदाई दी गई। ताकि निगम के प्रत्येक कर्मी का सम्मान तथा अन्य लाभ यथावत रहें।
घाटे में चल रहे सभी जनसंपर्क कार्यालयों को बंद करने का निर्णय लिया गया है, ताकि निगम की माली हालत में सुधार किया जा सके। निगम को एक वर्ष पर्यंत व्यवसाय करने वाली संस्था के रूप में विकसित किया जा रहा है। ताकि निगम वर्ष में दो-तीन माह आय करके शेष 9-10 माह सिर्फ व्यय का साधन न बनकर रहे। वर्ष के 12 महीने लगातार निगम की आय को बढ़ाकर वर्षपर्यंत व्यवसाय करने की दिशा में विकसित किया जा रहा है। इसी प्रकार के अनेक प्रभावशाली कदमों के द्वारा जीएमवीएन की वर्षों से पटरी से उतरी हुई गाड़ी को पटरी की मरम्मत करके पुनः पटरी पर चढ़ाने का कार्य किया जा रहा है।
भविष्य में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह गाड़ी किस रफ्तार को पकड़कर कितनी दूर तक जा सकती है ! यह भी देखना दिलचस्प होगा कि निगम का कौन-कौन कर्मचारी इस रफ्तार के साथ तालमेल बिठाकर अपनी भी गति बढ़ाएगा ! यह भी निकट भविष्य में पता चलेगा कि जो कर्मचारी जीएमवीएन की नई गति से नहीं चल पाएगा उसका क्या होगा तथा उन कर्मियों का क्या होगा जो निगम से वेतन लेकर बिना कोई कार्य किए पानी पी-पीकर निगम प्रबंधन को कोसते हैं तथा निगम का ही दुष्प्रचार भी करते हैं।
ज्योति नीरज खैरवाल ने यह भी सिद्ध कर दिया है कि यदि साफ नीयत, कुशल नेतृत्व, अदम्य साहस के साथ एक सही व्यक्ति को सही पद पर बिठाया जाए तो एक डूबता हुआ जहाज भी सफलतापूर्वक दुनिया के कोने-कोने के चक्कर काट सकता है।