कृष्णा बिष्ट
उत्तराखंड में आरटीआई में महिला और पुरुष नसबंदी पर बड़ा खुलासा हुआ है। राज्य बनने से लेकर नवंबर 2018 तक राज्य मे महिला पुरुष नसबंदियों के आंकड़ों में जमीन आसमान का अंतर है।
राज्य बनने से लेकर अब तक 4,79,513 महिलाओं की नसबंदी हुई है तो पुरुषों की संख्या मात्र 29,801 है। महिला और पुरुष नसबंदी में इतना बड़ा अंतर सिर्फ इसलिए है क्योंकि राज्य सरकार पुरुषों की नसबंदी के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाने में जरा भी दिलचस्पी नहीं लेती।
किंतु सरकार सरकारी कर्मचारियों को जरूर परिवार नियोजन भत्ता देती है, जिसका कोई भी लाभ नहीं होता क्योंकि सरकारी कर्मचारी पहले ही काफी जागरूक होते हैं। इसके बजाय यदि सरकार परिवार नियोजन भत्ते को अनपढ़ तथा गैर जागरूक लोगों को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक करने में यह धन खर्च करें तो परिणाम काफी बेहतर हो सकते हैं।
आरटीआई एक्टिविस्ट हेमंत सिंह गोनिया के आर टी आई आवेदन के जवाब में सरकार ने यह सूचनाएं प्रदान की है।
वर्तमान में नसबंदी कराने वाले पुरुष को ₹2000 प्रदान किए जाते हैं तथा नसबंदी कराने वाली महिला को 1400 प्रदान किए जाते हैं। यह राशि उन्हें प्रोत्साहन स्वरूप दी जाती है। पुरूषों को नसबंदी कराने के लिए प्रोत्साहित करने वाली आशा कार्यकर्ता अथवा व्यक्ति को पुरुषों के लिए ₹300 और महिलाओं के लिए ₹200 दिए जाते हैं, जबकि यही नसबंदी यदि किसी मान्यता प्राप्त अथवा एनजीओ द्वारा संचालित किए जाने वाली केंद्र में कराई जाती है तो पुरुष को ₹1000 और महिला को भी ₹1000 दिए जाते हैं। यह धनराशि नसबंदी के लिए प्रोत्साहन स्वरूप दी जाती है।
प्रोत्साहन राशि लगभग बराबर होने से भी पुरुष अपनी नसबंदी कराने के बजाय महिलाओं की नसबंदी कराने को प्राथमिकता देते हैं। इसके अलावा पुरुषों मे नसबन्दी से नपुसंकता आने जैसे भ्रांति भी है।
राजकीय चिकित्सालय में नसबंदी कराने वाले लाभार्थियों को इस दौरान कुछ खाने के लिए मात्र 10 ₹10 दे दिए जाते हैं, जबकि इसमें डॉक्टर की फीस पुरुषों के लिए 250 तथा महिलाओं के लिए डेढ़ सौ रुपए निर्धारित है। अर्थात तमाम खर्चो सहित पुरुष की नसबंदी कराने पर सरकार ₹2700 खर्च करती है तथा महिलाओं की नसबंदी पर प्रति नसबंदी ₹2000 खर्च करती है। नसबंदी कार्यक्रम के लिए 50% धनराशि केंद्र सरकार द्वारा प्रदान की जाती है। यदि सरकार नसबंदी के लिए पर्याप्त जागरूकता कार्यक्रम चलाए तो महिला तथा पुरुष नसबंदी में इतने बड़े अंतर को कम किया जा सकता है।