जगदम्बा कोठारी/ रूद्रप्रयाग
एक बार फिर ‘पर्वत जन’ की खबर का जोरदार असर हुआ है। बीते 24 जनवरी ‘बालिका दिवस’ के दिन पर्वत जन ने जखोली के त्यूंखर गांव की पांच और दो वर्षीय दलित, अनाथ बच्चियों की दुर्दशा पर समाचार प्रकाशित किया था जिसके बाद मामला बाल सरंक्षण आयोग व जिला प्रशासन की जानकारी मे आया।
पर्वत जन की खबर का संज्ञान लेकर आज जिला प्रोबेशन अधिकारी श्रीमती रोशनी रावत एंव उपजिलाधिकारी देवमूर्ती यादव,चाइल्ड हेल्प लाइन, चौकी प्रभारी, सहित कई स्वंय सेवी संस्थायें की टीम दोनों अनाथ बच्चियों से मिलने त्यूंखर गांव पहुंची। हालांकि कल 25 को ही टीम गांव जाने की तैयारी मे थी लेकिन बारिश और बर्फबारी के चलते गांव नहीं पहुंच सकी।गांव मे ही उप जिलाधिकारी के नेतृत्व मे सर्व सम्मती से दोनों अनाथ बच्चियों को बाल शिशू निकेतन भेजने का प्रस्ताव बनाया गया। इस अवसर पर तहसील प्रशासन ने दोनों बच्चियों को गर्म कपड़े वितरित किये। जखोली पुलिस द्वारा बच्चियों को जूते और भोजन सामग्री प्रदान की गयी। उप जिलाधिकारी ने बताया कि दोनो बच्चियों को शिशु निकेतन केन्द्र देहरादून भेजा जाना है जिसके लिए जिला प्रशासन कागजी कार्यवाही पूरी कर रहा है, ओपचारिकता पूरी होने तक दोंनो बच्चियां अपने ताऊ नत्थी लाल के साथ ही रहेंगी।इस मौके पर ग्राम प्रधान विक्रम लाल, जन संपर्क अधिकारी भूपेन्द्र भण्डारी, सदस्य जिला बाल कल्याण समिती सुनिता जोशी, ज्येष्ठ प्रमुख चैन सिंह पंवार, कांग्रेस सेवादल जिलाध्यक्ष विशाल रावत, प्रधान छिनका मनोज कण्डारी, युवा मोर्चा से दिनेश रावत, तहसीदार शालिनी मौर्य, रामरतन पंवार सहित गांव के सभी ग्रामीण मौजूद थे।
यहां बता दें कि त्यूंखर गांव के प्रेमु लाल की मृत्यु साल भर पहले हो गयी थी, वह अपने पीछे पत्नी सुनीता और दो वर्षीय बालिका निशा और पांच वर्षीय बसु को छोड़ गये। पति की मृत्यु के बाद सुनीता की भी मानसिक स्थिती सही नहीं थी और आर्थिक तंगी और बीमारी के चलते बीते 14 जनवरी को सुनीता की भी आस्कमिक मृत्य हो गयी थी। तबसे दोनो अनाथ बच्चियां दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर थी। जिस खबर को पर्वत जन ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था जिसके बाद जिला प्रशासन सहित बाल सरंक्षण आयोग ने त्वरित कार्यवाही कर बच्चियों को बाल शिशु निकेतन भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।