कुलदीप एस राणा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अतिमहत्वाकांक्षी पीएम किसान सम्मान निधि योजना उत्तराखंड में भी आरम्भ हो चुकी है।
पीएम किसान योजना पर सूबे की त्रिवेंद्र रावत सरकार किसी भी तरह चुनाव से पूर्व उक्त योजना को पूर्ण रूप से लागू करने को लेकर बेहद उत्साहित नज़र आ रही है, ताकि चुनाव से पूर्व ही रूठे हुए किसानों को मनाया जा सके ।
योजना का उद्देश्य जहां किसानों को साहूकारों के चंगुल में पड़ने से बचाना है, साथ ही कृषि पद्धतियों के आधुनीकरण के लिए सक्षम भी बनाना है। विशेष रूप से फसल कटाई के पश्चात संभावित आय प्राप्त होने से पूर्व होने वाले संभावित व्यय की पूर्ति सुनिचित हो सके। योजनान्तर्गत किसान को प्रतिवर्ष ₹6हजार दिया जाना है जिसे ₹2 हजार की तीन किश्तों में दिया जाएगा, जिसकी प्रथम क़िस्त 31 मार्च 2019 तक किसान के बैंक खाते पहुचेगी।
वर्तमान में सूबे में लगभग 9 लाख 72 किसान पंजीकृत हैं।
देखना यह है कि योजना हेतु निर्धारित मानकों के अनुरूप सूबे के कितने किसान केन्द्र की उक्त योजना से लाभान्वित होते है।
आइए जानते है योजना हेतु पात्रता के मानक क्या क्या है ।
योजना के क्रम में परिवार की परिभाषा।
योजना में पात्र लघु एवं सीमांत परिवार, जिसमें पति-पत्नी तथा अवयस्क बच्चे (जिनकी आयु 18 वर्ष से कम हो) सम्मिलित हैं ,जिनके पास राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेशों के भू अभिलेखों में सम्मिलित रूप से 2 हेक्टेयर तक की कृषि योग्य भूमि का स्वामित्व हो।
लघु एवं सीमांत किसान जिनके परिवार का कोई भी सदस्य निम्नलिखित श्रेणियों में वर्गीकृत है ,पात्र नहीं होंगे:-
(क) संवैधानिक पदों पर पूर्व में कार्यरत रहे तथा वर्तमान में कार्यरत व्यक्ति।
(ख) पूर्व तथा वर्तमान मंत्री/राज्य मंत्री, पूर्व तथा वर्तमान लोकसभा/राज्य सभा/विधान सभा/विधान परिषद सदस्य,पूर्व तथा वर्तमान में नगर पालिका अध्यक्ष ,पूर्व तथा वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष।
(ग) केंद्र सरकार/राज्य सरकार के मंत्रालयों/कार्यालयों/विभाग/ क्षेत्रीय इकाइयों के समस्त कार्यरत /सेवानिवृत्त अधिकारी एवं कर्मचारी, केंद्र /राज्य सरकार की सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम एवं संबद्ध कार्यालयों ,राज्य /केंद्र के अंतर्गत स्वायत्त उपक्रम के अधिकारी /कर्मचारी तथा स्थानीय निकायों के नियमित कार्मिक (मल्टी टास्किंग स्टाफ /चतुर्थ श्रेणी अथवा श्रेणी घ को छोड़कर)।
(घ) सभी सेवानिवृत्त / अधिवर्स्षता आयु पूर्ण कर चुके, पेंशन धारी जिनकी पेंशन प्रतिमाह ₹10000 अथवा ₹10000 से अधिक हो (मल्टी टास्किंग स्टाफ /चतुर्थ श्रेणी अथवा श्रेणी घ को छोड़कर)।
(च) गत वर्ष की आयकर दाता ।
(छ) प्रोफेशनल सर्विसेज जैसे डॉक्टर, इंजीनियर, अधिवक्ता, चार्टर्ड अकाउंटेंट तथा आर्किटेक्ट जो किसी पेशेवर उपक्रम (प्रोफेशनल बॉडी) में पंजीकृत हो तथा पेशे से संबंधित प्रैक्टिस कर रहे हो।
किसान की भूमि की मालिकाना हक की स्थिति का निर्धारण 1 फरवरी 2019 की वास्तविक स्थिति के अनुसार होगा इसके बाद किसी भी तरह के मालिकाना हक के बदलाव का लाभ अगले 5 वर्ष तक मान्य नहीं होगा परंतु उत्तराधिकार के की स्थिति में नहीं किसान लाभार्थी सम्मिलित शामिल होंगे
लाभान्वित होने वाली लघु एवं सीमांत कृषकों का समस्त डाटा( नाम ,लिंग ,सामाजिक वर्ग ,आधार नंबर तथा यदि आधार कार्ड नहीं है तो आधार रजिस्ट्रेशन नंबर के साथ अन्य आईडी प्रूफ, जैसे ड्राइविंग लाइसेंस ,वोटर कार्ड आदि बैंक अकाउंट संख्या, मोबाइल नंबर), राजस्व ग्राम ,तहसील, विकासखंड ,जनपद राज्य आदि का सत्यापित विवरण,
जिसका सत्यापन संबंधित राजस्व उपनिरीक्षक /लेखपाल ,तहसीलदार ,उप जिला अधिकारी एवं जिला अधिकारी द्वारा किया जाएगा।
योजना के लाभार्थी से पूर्व में ही घोषणा पत्र भरना होगा। घोषणा पत्र असत्य पाई जाने की दशा में उक्त योजना के अंतर्गत दी गई धनराशि को भू राजस्व की भांति वसूल किया जाने का प्रावधान भी किया गया है।
सचिव डी सेंथिल पांडियन ने बताया कि सभी जिलाधिकारियों को उक्त क्रम में आदेश जारी कर दिए है ताकि योजना से सम्बंधित लाभार्थियों का डेटा तैयार कर लिया जाए जिससे समय पर किसानों को योजना का लाभ मिल सके ।