रुद्रप्रयाग का बेटा बना सीएम का ओएसडी
विधानसभा चुनाव में निभाई थी बड़ी भूमिका
रुद्रप्रयाग। जिले के विकासखंड जखोली के स्वीली सेम गांव (भरदार) का एक बेटा इन दिनों राज्य की सत्ता में अहम भूमिका अदा कर रहा है। जिले के इस बेटे को सीएम त्रिवेंद्र रावत ने अपना विशेष कार्याधिकारी चुना है। दीपक डिमरी ने यह मुकाम अपनी लगन, स्वच्छ छवि और समाजसेवा की भावना के रहते हासिल किया है। डिमरी तीसरी बार सीएम के ओएसडी बने हैं। इससे पहले वह खंडूड़ी सरकार और फिर निशंक सरकार में भी ओएसडी रह चुके हैं। सबसे अहम बात यह है कि गंभीर बीमारी से जूझने के बावजूद डिमरी राज्य के विकास योजनाओं व ग्रामीणों के चहुंमुखी विकास का संकल्प लिए कार्य कर रहे हैं।
दीपक डिमरी अभी महज 38 वर्ष के हैं, लेकिन इस अवधि में ही उन्होंने समाज व प्रदेश सेवा में अच्छा-खासा मुकाम हासिल किया है। दीपक डिमरी ने 1998 में संघ के प्रचारक के रूप में काम करना शुरू किया था। उन्होंने पौड़ी, पिथौरागढ़, देहरादून और चम्पावत में संघ प्रचारक के रूप में काम किया। सरल स्वभाव व मृदुभाषी दीपक की स्वच्छ छवि का परिणाम रहा कि उन्हें 2007 में भाजपा की सरकार बनने के बाद तत्कालीन सीएम मेजर जनरल बीसी खंडूड़ी में सीएम का विशेष कार्याधिकारी यानी ओएसडी चुना गया। भाजपा के सीएम निशंक के कार्यकाल में भी दीपक डिमरी पर ही भरोसा किया गया। यह उनकी स्वच्छ छवि, कर्मठता और पार्टी तथा समाज के प्रति समर्पण भाव ही है कि अब तीसरी बार त्रिवेंद्र सरकार में भी यह अहम भूमिका उन्हें ही अदा करने की जिम्मेदारी दी गई है।
चमोली से इंटर और ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने गढ़वाल विश्वविद्यालय से बीएससी और एमए किया। अपने पिछले कार्यकाल के दौरान दीपक डिमरी ने रुद्रप्रयाग के विकास में अहम भूमिका अदा की थी। उन्होंने सुमाड़ी गांव में विद्युत सब स्टेशन स्थापित किया था। इसके अलावा जिले के तीस से भी अधिक स्कूलों को अपग्रेड करवाने में उनका सक्रिय योगदान रहा। उन्होंने अपने पिछले कार्यकाल में प्रदेश भर में 12 एडिड स्कूल खुलवाए, जिनमें से अकेले रुद्रप्रयाग में तीन थे। विधानसभा चुनाव के दौरान बतौर सह प्रशिक्षण प्रभारी दीपक डिमरी ने कुमाऊं और गढ़वाल में अपनी सांगठनिक क्षमता और कौशलता के बलबूते भाजपा को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। साथ ही उन्होंने पूरे प्रदेश में 23 जिलों के 70 मंडलों में पार्टी कार्यकर्ताओं से सीधे संवाद भी स्थापित किया। वह पार्टी के एकमात्र ऐसे कार्यकर्ता थे, जिन्होंने प्रदेश के चप्पे चप्पे में भाजपा प्रत्याशियों के लिए काम किया। उनकी कार्य करने की क्षमता और जनता से सीधे जुड़ने की काबिलियत के कारण चुनाव के दौरान कार्यकर्ताओं के बीच वह पहली पसंद रहे। लोकसभा चुनाव में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
दीपक डिमरी के अनुसार स्वास्थ्य कारणों से वह इस बार ओएसडी की जिम्मेदारी नहीं चाहते थे, लेकिन सीएम रावत ने उन्हें हर हाल में यह जिम्मेदारी निभाने के लिए कहा। उन्होंने बताया कि भरदार पेयजल योजना के संबंध में उन्होंने हाल में जल निगम के एमडी से बात की है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि जल्द ही भरदार पेयजल योजना पूरी होगी। उनका कहना है कि उनका जीवन प्रदेश और रुद्रप्रयाग के काम आ रहा है, यही उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि है।