एक्सक्लूसिव : छात्रवृत्ति घोटाले में जीआर नौटियाल को राहत। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति आयोग ने गृह वभाग तथा एसआईटी से कार्यवाही रोकने को कहा
छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल के खिलाफ एसआईटी की कार्यवाही को झटका लगा है।
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति आयोग ने गृह सचिव, डीजीपी और समाज कल्याण सचिव सहित हरिद्वार एसएसपी को पत्र लिखकर एसआईटी द्वारा संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल के खिलाफ की जा रही कार्यवाही को रोकने के लिए कहा है और 7 दिन के अंदर अंदर इस मामले में समस्त तथ्य और जानकारियां तथा की गई कार्यवाही का ब्यौरा तलब किया है।
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने उत्तराखंड के संबंधित अफसरों को 2 जुलाई 2019 को पत्र लिखकर कहा है कि इस मामले में तब तक कोई कार्यवाही न की जाए, जब तक प्रकरण आयोग के परीक्षण के अधीन है।
गौरतलब है कि समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल ने 2 जुलाई 2019 को आयोग से गुहार लगाई थी कि हरिद्वार के सीओ सिटी आयुष अग्रवाल से उन्हें गिरफ्तारी का भय है, लिहाजा उन्हें संरक्षण दिया जाए। गौरतलब है कि गीताराम नौटियाल जौनसारी जनजाति के व्यक्ति हैं।
आयोग ने अपने आदेश में कहा है यदि निश्चित समय अवधि के अंतर्गत इस नोटिस का जवाब नहीं दिया जाता तो संबंधित प्रावधानों के अंतर्गत उन्हें व्यक्तिगत रूप से कमीशन के सामने पेश होने के लिए समन भेजा जाएगा।
गौरतलब है कि एसआईटी की जांच के पश्चात गीताराम नौटियाल के भाई और भतीजे के खिलाफ गलत तरीके से छात्रवृत्ति लेने के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था लेकिन उसी तरह के लगभग 338 मामलों में एसआईटी ने संज्ञान में होने के बावजूद जानबूझकर चुप्पी साध ली थी।
एक तथ्य यह भी है कि देहरादून में भाजपा के केंद्रीय कैबिनेट मंत्री राजनाथ के परिजनों के कॉलेज सहित भाजपा के वरिष्ठ विधायक हरबंस कपूर और पूर्व विधायक कुलदीप कुमार के कॉलेजों में भी व्यापक स्तर पर छात्रवृत्ति में घोटाले किए गए हैं लेकिन एसआईटी ने इन मामलों का पूरी तरह से संज्ञान होने के बावजूद चुप्पी साधी हुई है।
इससे एसआईटी पर यह आरोप और गहरा गया था कि एसआईटी जानबूझकर गीताराम नौटियाल तथा उनके करीबी अफसरों के खिलाफ ही अपनी कार्यवाही को आगे बढ़ाना चाहती है।
गीताराम नौटियाल ने यही तथ्य केंद्रीय अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के सामने रखे।
आयोग ने गीताराम नौटियाल द्वारा बनाए गए तर्कों और तथ्यों को प्रथम दृष्टया सही पाते हुए इस प्रकरण को जांच के लिए स्वीकार कर लिया और उसी दिन एसआईटी सहित गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक सहित सचिव समाज कल्याण और एसएसपी हरिद्वार से भी जवाब तलब कर लिया है।
देखना यह है कि अब छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही एसआईटी आयोग के समक्ष अपनी बात को किस तरह से सही साबित करती है।