कमल जगाती, नैनीताल
सिटीजन अमेंडमेंट बिल (सी.ए.बी.)और जामिया प्रकरण के विरोध की चिंगारी अब उत्तराखण्ड में भी भड़क चुकी है। जामिया प्रकरण और सी.ए.बी.कानून के विरोध में दर्जनों मुस्लिम युवा बाजपुर केे एस.डी.एम.ऑफिस पहुंचे और राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा।
उधमसिंहनगर जिले के बाजपुर में मुस्लिम समुदाय के युवाओं के बीच भारत सरकार द्वारा सी.ए.बी. क़ानून पास होने के बाद से ही आक्रोश पनपा है। मुस्लिम समुदाय के युवा इमरान कुरेशी ने बताया कि वह पूर्वोत्तर के बाद अब सी.ए.बी.के विरोध में उधम सिंह नगर जिले के बाज़पुर में मुस्लिम समुदाय के लोग भी उतर आये हैं।
इन लोगों ने बिल के विरोध में एस.डी.एम.कोर्ट में प्रदर्शन कर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा। केंद्र सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन बिल पारित करने के बाद से ही पूर्वोत्तर राज्यों से जारी हुआ इसका विरोध अब उत्तराखण्ड तक पहुंच गया है। इन लोगों का कहना था कि देश में नागरिकता का अधारा मानवता होना चाहिये धर्म नहीं। कहा कि देश भर में चल रहे विरोध से पूरा समाज चिंतित है कि कहीं सी.ए.बी.कानून हमारी एकता को खंडित न कर दे। इन लोगों ने इस बिल को तुरंत निष्क्रिय करने की मांग की है। वहीं दिल्ली की जामिया यूनिवर्सिटी में दिल्ली पुलिस द्वारा यूनिवर्सिटी के छात्राओं पर बर्बरता की निंदा की गई। इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही।
कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडेय ने एक कार्यक्रम में पत्रकारों से रू-ब-रू होते हुए कहा कि देश भर में सी.ए.बी.का जितना भी विरोध किया जा रहा है, उसके पीछे राजनीतिक ताकतों का हाथ है। जामिया में भी राजनीतिक ताकतों द्वारा इन्हें भड़काया और उनका ग़लत इस्तेमाल किया जा रहा है।