प्रमुख संवाददाता
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में ममता सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का वर्षाें से दम भरती आ रही है। लंबे समय से पश्चिम बंगाल में ममता सरकार व भाजपा आमने सामने आ रखी है। वहीं पश्चिम बंगाल में मात्र कुछ समय पहले ही लांच हुए बांग्ला भारत चैनल के सीईओ ने खुलासा किया था कि भ्रष्टाचार व घोटालेबाजों के खिलाफ उनका ऑपरेशन कभी खत्म नहीं होगा और उनका चैनल स्वच्छ पत्रकारिता करता हुआ नजर आएगा।
बांग्ला भारत के सीईओ की टीम ने पश्चिम बंगाल में ऑपरेशन काली को अंजाम देने के लिए अपने कदम आगे बढ़ाए और उसने ममता सरकार के दो कैबिनेट मंत्रियों, चंद राज्यमंत्रियों व कुछ कद्दावर नेताओं का भ्रष्टाचार को लेकर ड्रिल किया गया जिसमें पैसे लेते हुए कई दिग्गज कैमरों में कैद हो गए और जैसे ही इसका खुलासा सीईओ ने आज किया तो उससे पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक बड़ा भूचाल मच गया।
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सीईओ का दावा है कि उनकी एसआईटी ने बड़ी ड्रिल को अंजाम दिया है जिसका खुलासा आठ पार्ट में किया जाएगा। ऑपरेशन काली की ड्रिल में ममता सरकारा के मंत्री बेनकाब हुए है, उससे अब भाजपा ममता सरकार पर राजनीति हमला तेज करने के लिए जरूर अपने कदम आगे बढ़ाएगी? ऑपरेशन काली से ममता सरकार में जरूर खलबली मचेगी क्योंकि पहली बार ऐसा देखने को मिल रहा है कि किसी चैनल ने ममता सरकार में चल रहे भ्रष्टाचार को बेनकाब किया हो।
आज बांग्ला भारत चैनल के सीईओ उमेश कुमार ने पत्रकारों से रूबरू होते हुए बताया कि उनकी एसआईटी ने भ्रष्टाचार को लेकर एक बड़ी ड्रिल को अंजाम दिया है।
इसका प्रथम पार्ट आज उन्होने सार्वजनिक किया। उन्होंने कहा कि साफ सुथरी छवि का दावा करने वाली ममता सरकार पूरी तरह से भ्रष्टाचार में डूबी निकली। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी माना जाने वाला पश्चिम बंगाल की विगत 10 वर्षाें में शिक्षा के क्षेत्र में गिरावट आयी, जिसकी मुख्य वजह ममता की सरकार में बैठे चंद विधायक और दो मंत्री है, जिन्हें विकास से कोई सरोकार नहीं उन्हें तो बस मोटी रकम चाहिए। उमेश कुमार ने दावा किया कि इन दिग्गजों को स्कूलों में आधुनिक शिक्षा लागू कराने तक के लिए कमीशन चाहिए। उनका साफ आरोप था कि पश्चिम बंगाल में शिक्षा के क्षेत्र में गिरते स्तर में वहां के बड़े नेताओं का हाथ रहा है।
उमेश का कहना था कि शिक्षा के समुद्र में पल रहे इन मगरमच्छोें को बेनकाब करने के लिए उनकी एसआईटी टीम द्वारा एक अभियान चलाया गया जिसको ऑपरेशन काली का नाम दिया गया था। इस ऑपरेशन के तहत कई कैबिनेट मंत्री, राज्यमंत्री तथा विधायकों पर ड्रिल किया गया जिसमे कई बड़े चेहरों का भ्रष्टाचार में लिप्त होना पाया गया।
इस ड्रिल के दौरान कई बडे़ चौंकाने वाले तथ्य सामने आये, उन तथ्यों के क्रम में आज मीडिया के सामने ऑपरेशन काली का पार्ट-1 पेश कर रहे है, जिसमे दिखाया जा रहा है कि किस तरह से पश्चिम बंगाल के स्कूलों में बच्चों के लिए उच्च स्तरीय रोबोटिक साइंस शिक्षा को लागू करवाने के लिए मंत्री/विधायक प्रति बच्चा कमीशन तय करते है और घूस की अग्रिम राशि और महंगे गिफ्ट भी उसके बदले में प्राप्त करते है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन काली के पार्ट-1 में ममता सरकार के दो कद्दावर मंत्रियों का असली चेहरा मीडिया के सामने दिखाया।