जगदम्बा कोठारी
बीते डेढ़ माह से अधिक समय से आंगनबाड़ी केन्द्रों पर ताले लटके हैं। आंगनबाड़ी संगठन की मुख्य मांग है कि उन्हे राज्य कर्मचारी घोषित करने के साथ ही हरियाणा की तर्ज पर 18000 मानदेय दिया जाये। कई दिनों की असफल वार्ता और धरने व कार्य बहिष्कार के बाद सरकार ने आंगनबाड़ी वर्करों पर कढ़ा रुख अपनाते हुए दो दर्जन के करीब कार्यकत्रियों की सेवायें समाप्त कर दी हैं।
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पिछले 54 दिनों से परेड ग्राउंड देहरादून मे आंदोलनरत कार्यकत्रियां सरकार के इस कदम से तिलमिला उठी हैं। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की नियुक्ति जनपद के केंद्र मे जिला कार्यक्रम अधिकारी के अधीन होती है। सरकार के आदेश के बाद जिलों मे डीपीओ ने बंद पड़े केन्द्रों के संचालक आंगबाड़ी वर्करों को 23 जनवरी से सभी केन्द्रों पर सेवायें शुरू करने का नोटिस जारी किया। तब भी कई केंद्रों पर ताले नहीं खुले तो अब तक उत्तरकाशी, पौड़ी, रूद्रप्रयाग और चमोली मे दो दर्जन वर्करों को पदभार मुक्त कर इनकी सेवायें समाप्त कर सरकार ने आंगनबाड़ी संगठन के आंदोलन की आग मे घी डालने का काम कर दिया है। संगठन का आंदोलन अब और भी व्यापक रूप ले चुका है। प्रदेश मे 20 हजार के करीब आंगनबाड़ी वर्कर केन्द्रों पर अपनी सेवायें दे रही हैं।आंगन बाड़ी कार्यकर्तियां बाल विकास के अधीन छह कार्यों का क्रियान्वन करती हैं, साथ ही इसके सरकार की ओर से दिये गये गर्भवती पौष्टिक आहार, पल्स पोलियो, जनगणना और मतदान कार्यक्रम मे इनकी सेवायें ली जाती हैं। लेकिन लम्बे समय से कार्यबहिष्कार से महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास का कार्य ठप पड़ गया।
राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्य जब आंदोलित कर्मियों को मनाने मे नाकाम रही तो अब उन्होने काम पर न लौटने वाली कार्यकर्ताओं की सेवायें समाप्त करने का फरमान जारी कर दिया है। राज्य मंत्री ने बयान दिया कि तीन घंटे कार्य करने लिए साड़े सात हजार मानदेय बहुत है। इनके इस बयान के बाद से सभी कार्यकत्रियों आक्रोश बढ गया है। संगठन की प्रदेश महामंत्री श्रीमती सुमति थपलियाल ने संगठन की ओर से राज्य मंत्री रेखा आर्य को खुली चुनौती दी है कि यदि वह एक आंगनबाड़ी वर्कर का एक दिन का विभागीय कार्य तीन घंटे मे करके दिखा दें तो सभी वर्कर अपनी हड़ताल वापस लेकर केंद्र संचालन शुरू कर देंगे। उन्होंने कहा कि समान कार्य के लिए उन्हे समान वेतन चाहिए और सभी मांगे पूरी न होने तक वह हड़ताल पर ही रहेंगी।
यहां बता दें कि प्रदेश मे लगभग बीस हजार के करीब आंगन बाड़ी कार्यकत्रियां हैं। अभी तक आंगनबाड़ी पूर्ण केंद्र की संचालिका को 7500, मिनी केंद्र संचालिका को 4700 और सहायिका को 3700 रूपये प्रतिमाह मानदेय मिलता है।