पिथौरागढ़। कोरोना महामारी के चलते देशभर सहित उत्तराखंड में भारी अलर्ट के बावजूद बिना मेडिकल जांच पड़ताल के नेेपाल के तीन लामा लोग पिथौरागढ़ के मुनस्यारी तहसील अंतर्गत चौना गांव में घुस गए हैं। कोरोना वायरस के डर के चलते इन लोगों की आने की सूचना पर क्षेत्र में खौफ पैदा हो गया है।
सूचना पर मुनस्यारी थाना एसओ समेत पुलिस बल व एलआईयू टीम भी मौके पहुँचे। पर्वतजन ने जब एसओ से बात की तो पता चला कि इस टीम के पास न तो थर्मल स्केनर है और न ही सेनिटाइजेशन करने की व्यवस्था।
आप फोटो में देख सकते हैं कि इन पुलिस अधिकारियों के पास कोई भी उपकरण नहीं थे और यहां तक कि उन्होंने इन नागरिकों से हाथ भी मिलाया। स्पष्ट है कि पुलिस अधिकारियों को कोरोना वायरस से बचाव की आधारभूत जानकारी भी नहीं है। दूसरी फोटो में आप पुलिस अधिकारियों और इन विदेशी नागरिकों को मास्क लगाए कर पूछताछ में शामिल देख सकते हैं।
आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि एक ओर देहरादून में बैठकर अधिकारी गाडिय़ों तक को बिना सेनिटाइज किए डिपो से बाहर लाने पर कार्यवाही की बात कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर हमारी सीमाएं इस हद तक असुरक्षित हैं कि उनके पास ऐसे संदिग्ध प्रवेश करने वालों की जांच के लिए बेहद जरूरी उपकरण और बचाव की जानकारी तक नहीं हैं। इस तरह से चाइना, तिब्बत, नेपाल की सीमाओं से घिरा हुआ उत्तराखंड कोरोना संक्रमण की दृष्टि से जितना अधिक संवेदनशील है, उतना ही अधिक संवेदनशून्य सरकारी सिस्टम है।
जानकारी के मुताबिक तीन लामा लोग पिथौरागढ़ स्थित मुनस्यारी तहसील के थाना मुनस्यारी के चौना गांव में हैं। यह लोग यहां एक खंडहर गांव की एक आंगनबाड़ी की गोठ में रुके हुए हैं।
यह तीनों लोग अपना नाम राम लामा, निरभार्ग लामा व नामगैल्य रामा बता रहे हैं। पूछताछ में ये तीनों लोग अलग-अलग बातें कर गुमराह कर रहे हैं। यह लोग अपना नाम कुछ और बता रहे हैं, जबकि इनसे मिले प्रवेश पत्रों में कुछ और नाम दर्ज हैं। जिनमें नेपाल का नाम-पता दर्ज है। इनमें से एक व्यक्ति कह रहा है कि वे यहां 15 दिन पूर्व आए, जबकि दूसरा व्यक्ति कह रहा है कि उन्हें यहां आए हुए छह माह हो गए हैं। उनकी इस तरह की बातों से स्थानीय लोगों में और ज्यादा खौफ उत्पन्न हो गया है।
बताया जा रहा है कि इन लोगों के पास कोई कागजात उपलब्ध नहीं हैं। कुछ कागजों में लिखी भाषा को स्थानीय लोग समझ नहीं पा रहे हैं।
स्थानीय लोग बताते हैं कि ये लोग करीब 20-25 वर्ष पूर्व तिब्बत से यहां लकड़ी के बर्तन बनाने के लिए आते थे, लेकिन पिछले काफी सालों से ये लोग यहां नहीं आते थे।
सवाल यह है कि जब देशभर में कोरोना वायरस का हाई अलर्ट है तो यह नेपाल से यहां बिना मेडिकल चैकिंग के कैसे घुस गए! क्या सीमा पर इन्हें किसी ने नहीं रोका? और यदि ये लोग वैध तरीके से यहां पहुंचे हैं तो यह अलग-अलग बातें बोलकर लोगों को गुमराह क्यों कर रहे हैं! 3 दिन पहले यह लोग गांधीनगर में भी आए थे
बहर हाल मुनस्यारी के थाना अध्यक्ष सुनील बिष्ट के नेतृत्व में पुलिस और गुप्तचर एजेंसी उन्हें गिरफ्तार करके इनको मुनस्यारी लाकर मेडिकल परीक्षण तथा अन्य पूछताछ की जाएगी।