कमल जगाती, नैनीताल
उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने आज किसानों के भुगतान और डाक्टरों की सुरक्षा से संबंधित दो अलग अलग जनहित याचिकाओं पर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है।
किसानों के करोड़ों रूपये के भुगतान संबंधी जनहित याचिका में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा सुनवाई के बाद महाधिवक्ता से नियमावली के अनुसार किये वादों और कामों की जानकारी न्यायालय के सम्मुख पेश करने को कहा है ।
इसके अलावा उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने कोरोना वारियर्स की सुविधा और खतरों संबंधी जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मैडिकल कॉलेज के प्राचार्य और सी.एम.ओ.नैनीताल को स्वास्थ्य कर्मियों के सुरक्षा उपकरणों की आपूर्ति के संदर्भ में जवाब भेजकर सही वस्तुस्थिति से अवगत कराने के लिए कहा है।
24घंटे मे भुगतान का वादा था,सात माह भी आधा बकाया
उधम सिंह नगर जिले में शांतिपुरी निवासी किसान नेता गणेश उपाध्याय की जनहित याचिका पर वरिष्ठ न्यायाधीश सुधांशू धूलिया और न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की खण्डपीठ ने सुनवाई की। याचिकाकर्ता गणेश उपाध्याय ने बताया कि उन्होंने याचिका में सरकार द्वारा पूर्व में किसानों के गन्ने का भुगतान 200 करोड़ और वर्तमान में 600 करोड़ रुपये का किसानों का भुगतान करने की मांग की है। सात माह पूर्व जो धान की खरीद की गई थी, जिसमें सरकार ने कहा था कि 24 घंटे के अंदर भुगतान करेंगे, लेकिन 7 माह बीतने के बाद भी 2 करोड़ 25 लाख का किसानों का भुगतान अभी नहीं हो सका है। इसके अलावा किसानों को खेतों में काम करने वाली लेबर की संख्या में छूट देने की मांग की है । इसके साथ ही उन्होंने मुख्य बिंदु बताते हुए सरकार से किसानों के द्वार जाकर गेहूं खरीदने की व्यवस्था सुनिश्चित करने और तुरंत भुगतान करने की व्यवस्था करने की मांग की है। खण्डपीठ ने मामले की सुनवाई के बाद उसे 21 अप्रैल को एक अन्य याचिका में सुनवाई के साथ रख दिया है। न्यायालय ने राज्य सरकार के महाधिवक्ता एस.एन.बाबुलकर को निर्देश दिए हैं कि, 16 अप्रैल को उत्तराखंड सरकार द्वारा जो गाइडलाइन दी गई थी, उसे विस्तार से न्यायालय में प्रस्तुत करें।
स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा को लेकर वस्तुस्थिति स्पष्ट करने के आदेश
उच्च न्यायालय के अधिवक्ता और याचिकाकर्ता दुष्यंत मैनाली द्वारा दायर जनहित याचिका में आज वीडियो कांफ्रेंस से सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता के आग्रह पर स्वास्थ्य कर्मियों को घटिया श्रेणी के पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट(पी.पी.ई.)किट आपूर्ति किये जाने के मामले में आज संज्ञान लेते हुए सुशीला तिवारी मैडिकल कॉलेज के प्राचार्य और नैनीताल के सी.एम.ओ.को स्वास्थ्य कर्मियों के सुरक्षा उपकरणों की आपूर्ति के संदर्भ में जवाब भेजकर सही वस्तुस्थिति से अवगत कराने के लिए कहा है।
वरिष्ठ न्यायमूर्ति सुधांशू धूलिया और न्यायमूर्ति रवींद्र मैठानी की खंडपीठ ने इस प्रकार के सभी मामले पूर्व से चल रही इस याचिका के साथ संबद्ध(क्लब)करने के लिए न्यायालय के रजिस्ट्रार को आदेशित किया है।
अब सी.एम.ओ.नैनीताल और सुशीला तिवारी मैडिकल कॉलेज को खण्डपीठ के सामने अपना जवाब 21 अप्रैल यानी मामले की अगली तारीख पर प्रस्तुत करने को कहा गया है । याचिकाकर्ता द्वारा अतिरिक्त दस्तावेज दायर कर घटिया श्रेणी के पी.पी.ई. किट आपूर्ति किए जाने के मामले में दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने और चिकित्सा कर्मियों के जीवन के साथ खिलवाड़ करने वाले आपूर्तिकर्ताओं के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग भी की गई है।