देहरादून। उत्तराखंड में प्लास्टिक बैन के नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। ताज्जुब यह कि नियमों का उल्लंघन आजकल सरकार के तमाम मंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, तमाम विधायक और देहरादून के नगर निगम के मेयर उड़ा रहे हैं।
बताते चलें कि १ अगस्त 2018 को उत्तराखंड में सिंगल यूज पॉलीथीन को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर दिया गया था। प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों पर पांच सौ से 5000 रुपये तक का जुर्माना तय किया गया था। उसके बाद इसका पालन भी हुआ और कपड़े वाले कैरी बैग भी चलने शुरू हो गए थे। लेकिन वर्तमान लॉकडाउन में फिर से प्लास्टिक की पन्नियों में सामान बांटा जा रहा है। यही नहीं तमाम माननीयों ने प्लास्टिक पन्नियों पर सामान बांटने वाली फोटो अपने सोशल मीडिया एकाउंट में भी अपलोड किए हैं। ऐसे में उत्तराखंड में नियम-कायदों का खूब उल्लंघन हो रहा है।
इस संबंध में बीते 27 मार्च को मुख्य सचिव उत्पल कुमार के उस शासनादेश के बाद लोग असमंजस में पड़ गए, जिसमें उन्होंने कहा था कि कोरोना वायरस के संक्रमण को मद्देनजर रखते हुए सचिवालय में सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाये जाने को लेकर पूर्व में किया गया शासनादेश निरस्त किया जाता है। यही कारण है कि इसी बात का फायदा उठाते हुए सरकार के तमाम मंत्री, नेता, सामाजिक संगठन आदि बैन किए गए पॉलीथिन का धड़ल्ले से उपयोग कर रहे हैं।
इस संबंध में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह का कहना है कि इस शासनादेश में सिर्फ राज्य सचिवालय में पीने के पानी को लेकर सिंगल यूज प्लॉस्टिक के इस्तेमाल की इजाजत दी गई है, ताकि गिलास के सेवन से संक्रमण न फैले। आज भी राज्य में पॉलीथिन पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है और आगे भी जारी रहेगा।