मार्ग निर्माण में रोड़ा बन रहा अतिक्रमण। ग्रामीणों ने लगाई गुहार, प्रशासन सुनने को तैयार नहीं
रिपोर्ट- मनोज नौडियाल
कोटद्वार। नगर निगम क्षेत्रान्तर्गत तेलीबड़ा गांव आज भी अपनी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। गांव में सड़क नहीं है, जिससे ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ग्रामीण इस संबंध में कई बार प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं। कोटद्वार नगर निगम के वार्ड नंबर-35 का तेलीबड़ा गांव आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। ग्रामीणों द्वारा कई बार पार्षद, उपजिलाधिकारी, विधायक और मंत्री से सड़क बनाने की मांग की जा चुकी है। इसके बावजूद इस दिशा में कोई कार्य नहीं किया गया। जिससे लोगों को मूलभूत सुविधाओं के अभाव में जीना पड़ रहा है।
मार्ग निर्माण में रोड़ा बन रहा है अतिक्रमण
ग्रामीणों का आरोप है कि, मुख्य सड़क पर ऊंची पहुंच रखने वाले लोगों की जमीन है। जिन्होंने धोबी स्रोत गदेरे की भूमि पर अतिक्रमण किया है। अतिक्रमण के कारण गदेरा संकरा हो गया, जिस कारण सड़क नहीं बन पा रही है। इस संबंध में कई बार शासन-प्रशासन से गुहार लगाई जा चुकी है, लेकिन कोई भी अधिकारी सुध लेने नहीं आया। वर्तमान में लोक निर्माण विभाग दुगड्डा के द्वारा ग्रामीणों के आने-जाने वाले रास्ते के मुख्य मार्ग पर एक पुलिया बना दी गई है। जिस कारण ग्रामीणों का अब पैदल जाने का रास्ता भी बंद हो गया है।
क्या कहते हैं स्थानीय लोग?
स्थानीय निवासी हरीश बिंजोल ने बताया कि, गांव तक पहुंचने का रास्ता एक ऊंची पहुंच रखने वाले व्यक्ति ने बंद किया हुआ है। उन्होंने कहा कि, उन्हें किसी से भी कोई शिकायत नहीं है। वे सड़क पर एक नहीं कई पुलियां बनाए, लेकिन गांव तक आने वाले रास्ता छोड़ दें। उन्होंने कहा कि, अगर ग्रामीणों का कोई भी द्वेषभाव होता तो जब वह पुलिया बना रहे थे, उसी समय रोक लगा देते। लेकिन उस समय उन्होंने आश्वासन दिया था कि, रास्ता बनवा कर देंगे।रास्ता न होने के कारण 02 से 250 बीघा कृषि भूमि बर्बाद हो रही है।
स्थानीय महिला अनिता देवी ने कहा कि, उन्हें किसी से लड़ना-झगड़ना नहीं है, उन्हें सिर्फ रास्ता चाहिए। उन्होंने कहा कि, ग्रामीणों ने कई बार उप जिलाधिकारी, मंत्री और विधायक से गुहार लगाई, लेकिन कुछ फायदा नहीं हुआ।
स्थानीय निवासी ज्ञान सिंह नेगी ने कहा कि, धोबी स्रोत गदेरे में अतिक्रमण किया गया है। सड़क बनने में सबसे बड़ा बाधक अतिक्रमण है। अगर अतिक्रमण हटाया जाए तो रास्ता बनने में कोई दिक्कत नहीं आएगी। 800 मीटर सड़क बनने से छूटी है, बाकी पूरे नाले के किनारे-किनारे सड़क बन चुकी हैं। यहां पर कृषि खेती भी बहुत है। वहीं रास्ता न होने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दो-दो मुख्यमंत्रियों की घोषणाओं के बाद भी डेढ़लाइन नहीं बन पाएगा।
वन मंत्री ने कही समाधान की बात
वन मंत्री डॉ हरक सिंह रावत ने कहा कि, वे खुद दो बार जगह का मुआयना कर चुके हैं। वहां पर ग्रामीणों को सड़क की दिक्कत है, उनके पास सड़क नहीं है। उन्होंने पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को कहा है कि, समस्या का जल्द समाधान निकाला जाए। लेकिन वहां पर कोई भी लोग अपनी जमीन छोड़ने को तैयार नहीं है। उन्होंने सभी लोगों को भाई-चारे से थोड़ी-थोड़ी जमीन सड़क के लिए छोड़ने को कहा है।