कोरोना काल मे उत्तराखंड का विधानसभा सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया। इस सत्र में 19 विधेयकों पर चर्चा होनी थी लेकिन जहां एक ओर अपने ही पार्टी के विधायक पूरन फर्त्याल द्वारा टेंडर घोटाले में जांच की मांग की गई, वहीं कांग्रेस ने कार्यसूची ही फाड़ कर हंगामा शुरू कर दिया।
पहले सदन 1:00 बजे तक के लिए स्थगित हुआ और फिर बिना चर्चा के सभी विधेयक पारित करके सदन अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो गया।
इधर बेरोजगार संगठन,वामपंथी संगठन एसएफआई और आम आदमी पार्टी ने सड़क पर काफी हंगामा काटा। आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सहित 32 कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता कृषि बिल के विरोध में विधानसभा का घेराव कर रहे थे।
वही बेरोजगारों ने रोजगार को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। वामपंथी छात्र संगठन एसएफआई ने विभिन्न विभागों में भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के लिए विधानसभा की ओर कूच किया और पुलिस द्वारा रोके जाने पर बैरिकेडिंग पर ही धरने पर बैठ गए।
राष्ट्रीय प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि विपक्ष की आपस में अहम की लड़ाई पर सदन बाधित हुआ है।
बहरहाल माल कर सेवा विधेयक, राज्य वित्त आयोग प्रतिवेदन, विश्वविद्यालय विधेयक, महामारी विधेयक, जौनसार भू विधेयक, श्रम सुधार विधेयक, विनियोग विधेयक, चार धाम विधेयक, विधानसभा सदस्य पेंशन विधेयक, राजकोषीय विधेयक, चिकित्सा शिक्षा विधेयक और पंचायती राज विधेयक जैसे विधेयक भी पेश हुए और बिना चर्चा के पारित कर दिए गये।
टनकपुर जौलजीबी मोटर मार्ग में फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर टेंडर दिए जाने को लेकर पूरन फर्त्याल ने कार्य स्थगन प्रस्ताव भी लाया था किंतु सरकार ने यह मामला कोर्ट में विचाराधीन होने के चलते इस पर चर्चा नहीं की।