उतराखण्ड आपदा रिकवरी परियोजना में अनुबन्ध आधारित भर्ती में गड़बड़झाला
परियोजना में विषय विशेषज्ञों सहित कई पदों पर भर्ती हेतु दिनांक 09 मार्च 20 को विज्ञापन जारी किया गया। विज्ञापन के अनुसार एक पद पर्यावरण अधिकारी का भी था। जिस हेतु अनिवार्य अहर्ता पर्यावरण विज्ञान में परास्नातक अथवा एम एस सी डिग्री जरूरी है, तथा विश्व बैंक के परियोजनाओं सहित सरकारी परियोजनाओं का अनुभव आदि भी मांगा गया था। किंतु भर्ती प्रक्रिया में नियमो की अवहेलना करते हुए अनिवार्य अहर्ता तथा अनुभव की अनिवार्यता को भर्ती करने वाली संस्था आपदा परियोजना के अधिकारियों द्वारा ही पालन नहीं किया और अनिवार्य विषय के इतर अन्य विषय व भर्ती नियम व शर्तें के अनुरूप कम अनुभव वाले आवेदक का चयन कर दिया जबकि अनिवार्य अहर्ता विषय व अनुभव धारी अभ्यर्थी का चयन नहीं किया गया।
जिससे यह साफ जाहिर है कि, भर्ती में पारदर्शिता नहीं बरती गयी। यही नहीं भर्ती से पूर्व छंटनी व दस्तावेज जांच की भी औपचारिकतायें की गयी। जिससे यह साबित होता है कि, चयन प्रक्रिया में सम्मिलित विभागीय अधिकारी कर्मचारी के द्वारा अपात्र व्यक्ति को हर स्तर पर समर्थन मिलता रहा और गलत तरीके से चयन किया गया।
जबकि जो पात्र अभ्यर्थी थे, उनको साक्षात्कार के उपरांत जानबूझकर मेरी लिस्ट में स्थान नहीं दिया गया। यह भी गौर किया जाना। आवश्यक है कि, मार्च 2020 में विज्ञापन जारी होने के बाद क ई बार आवेदन तिथि बढाये जाने के बावजूद साक्षात्कार हेतु केवल तीन अभ्यर्थी छंटनी के उपरांत साक्षात्कार हेतु बुलाये गये जिससे यह स्पष्ट है कि , विशेष व्यक्ति का चयन करने हेतु कम लोगों को छंटनी के बाद बुलाया गया अथवा केवल तीन ही अभ्यर्थी के आवेदन प्राप्त हुए।
इस पद हेतु प्रत्येक बार केवल तीन ही अभ्यर्थियों को ही साक्षात्कार के लिए बुलावा भेजा जाता है। यदि तीन ही आवेदन प्राप्त हुए हैं या होते हैं तो इससे यह भी स्पष्ट होता है कि, आपदा परियोजना में भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता की बहुत कमी है और उच्च स्तर के अनुभवी अभ्यर्थी का चयन न कर उनको हतोत्साहित किया जाता रहा है और व सिफारिश वाले व्यक्ति का चयन किया जाता है। जिस कारण आवेदन की संख्या कम होती है।