पौड़ी गढ़वाल
उत्तराखंड में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के सत्ता संभालते ही मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत विरोधियो एवं भ्रष्टाचार के बाउंसर पर सिक्स मारते हुए नजर आ रहे है | आपको बता दें कि ,तीरथ सिंह रावत ने मुख्यमंत्री बनते ही बड़े बड़े निर्णय लिए एवं भ्र्ष्टाचार के विरुद्ध मुखर दिखे|
इसी क्रम में , नवनियुक्त मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने दुगड्डा प्रान्तीय खण्ड लोक निर्माण विभाग के एक JE, AE को तब निलंबित कर दिया जब देवेश आदमी ने 15 मार्च 2021 को एक वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था |
लेकिन हताशा तब हुई जब लैंसडौन विधायक महंत दिलीप सिंह रावत का वीडियो प्रसारित हुआ जिसमें वो निर्माण कार्य को सही बता रहे है।
जानिए क्या है पूरा मामला:
आपको बता दे कि ,देवेश आदमी ने 15 मार्च 2021 को एक वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था |
जिसमें ऋषिकेश बैराज रथुवाढाब नैनीडांडा रिखणीखाल मार्ग पर चल रहे डामरीकरण की गुणवत्ता की जांच की गई। यह वीडियो देखकर नवनियुक्त मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने निर्णय लिया और तत्काल प्रभाव से दुगड्डा प्रान्तीय खण्ड लोक निर्माण विभाग के एक JE, AE को निलंबित कर दिया |
इस मामले ने उत्तराखंड में तूल पकड़ लिया और उत्तराखंड केअनेकों क्षेत्र से घटिया सड़क डामरीकरण के अनेकों ऐसे वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगे| सोशल मीडिया पर वायरल होने वाली सभी वीडियो में सड़क डामरीकरण के घटिया कार्य को उजागर किया गया ।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के इस साहसी निर्णय को आम जनता ने जनहित में स्वीकार किया। इससे उत्तराखंड के अनेकों जागरूक लोगों ने व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सरकारी कामकाज का आकलन किया। लोगों में एक चेतना का प्रवाह हुआ, लोगों को हिम्मत मिली कि कोई सुनने वाला कुर्सी पर विराजमान हैं अब प्रदेश के अच्छे दिन लौट रहे है।
तो वही मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के इस निर्णय का पर्वतीय ठेकेदार संघ एवं उत्तराखंड इंजीनियर संगठन ने विरोध किया|
हताशा तब हुई जब लैंसडौन विधानसभा विधायक महंत दिलीप सिंह रावत का वीडियो प्रसारित हुआ, जिसमें वो निर्माण कार्य को सही बता रहे है।विधायक दिलीप सिंह रावत सस्पेंड किए गए जेईई के समर्थन में उतर आए है|
दिलीप सिंह रावत का कहना है कि, जहां सड़क का डामरीकरण का कार्य चल रहा है वह उन्ही की विधानसभा का मामला है और जिसमें जेई और ऐई बहुत अच्छा काम कर रहे है। विपरीत परिस्थितियों में भी सड़क का डामरीकरण किया जा रहा | क्योंकि जिस इलाके में सड़क का निर्माण हो रहा है वहां बिल्कुल भी धूप नहीं है जिस वजह से सड़क का डामरीकरण पक्की होने में समय लगता है|
लेकिन जिस व्यक्ति के द्वारा यह वीडियो वायरल किया गया है| उसके द्वारा गलत वीडियो वायरल किया गया क्योंकि आगे-आगे सड़क का डामरीकरण हो रहा था और पीछे से यह वीडियो वायरल किया गया। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस मामले में बात भी की है|
उन्होंने मुख्यमंत्री को कहा है कि, 1 हफ्ते के भीतर इसकी जांच होनी चाहिए और यदि JE, AE दोषी नहीं पाए जाते है तो बाइज्जत उनके सस्पेंड के ऑर्डर को निरस्त कर देना चाहिए| साथ ही जिस व्यक्ति के द्वारा यह वीडियो वायरल किया गया है उसके खिलाफ f.i.r. होनी चाहिए।
इस वीडियो को देखने से ऐसा प्रतीत होता है कि क्या आम जनता सिर्फ मूकदर्शक बनकर रहें एवं जनहित के कार्यों का अन्वेषण करने का अधिकार क्या जनता का नहीं है |