देहरादून
अधीनस्थ पदों पर रहते हुए लापरवाही और लाखों रुपए के शासकीय धन का अनुपयोगी व्यय कर करने वाला मुख्य अभियंता भी प्रमुख अभियंता अभियंता की दौड़ में शामिल हो चुका हैं ।
मुख्य अभियंता बिरला आज सेवानिवृत्त हो रहे हैं। अधीनस्थ पदों पर रहते हुए भवन निर्माण में लापरवाही और लाखों रुपए के शासकीय धन का अनुपयोगी व्यय करने के दाग उन पर लगे हैं ।
अब मुख्य अभियंता बिरला लोक निर्माण विभाग उत्तराखंड के प्रमुख अभियंता पद के लिए दौड़ में आ गए हैं।सूत्रों के अनुसार उच्च स्तर से भी प्रमुख अभियंता के दावेदार मुख्य अभियंता के लिए दबाव पड़ रहा है।
जानकारी के अनुसार, अधीनस्थ पदों पर रहते हुए लगे दाग मिटवाने के लिए आज 30 जून को सेवानिवृत्त हो रहे मुख्य अभियंता बिरला पिछले लगभग पांच दिन से मुख्यालय में डटे हुए हैं ।
उत्तरकाशी में अधिशासी अभियंता रहते हुए जो डायट भवन के निर्माण का दायित्व मुख्य अभियंता बिरला को दिया गया था, वह लगभग14-15 साल बाद भी बनकर तैयार नहीं हो पाया है।अधूरे निर्माण के कारण भवन आज तक डायट को हस्तांतरित भी नहीं हो पाया है।
जिसके संबंध में अभी तक विभाग तत्कालीन अधिशासी अभियंता की जिम्मेदारी व जवाबदेही तय नहीं कर पाया है।
कई बार शिक्षा विभाग की ओर से लोक निर्माण विभाग को भवन का निर्माण पूरा कर हस्तांतरित करने के लिए पत्र लिखा गया लेकिन लोक निर्माण विभाग के अधिकारी पत्र को दबाते रहे हैं।
अब मुख्य अभियंता बिरला आज सेवानिवृत्त हो रहे हैं तो जाते-जाते उनके कार्यकाल में हुए भवन के निर्माण में बरती गई लापरवाही और लाखों रुपए के शासकीय धन का अनुपयोगी व्यय करने के गुनाह पर पर्दा डलवाने के लिए साम-दाम की रणनीति पर काम चल रहा है।
देखना बड़ा दिलचस्प होगा कि , कई मामलों को लेकर विवादित और चर्चा में रहे मुख्य अभियंता बिरला को लोक निर्माण विभाग प्रमुख अभियंता की कुर्सी तक पहुंचाता हैं या नहीं ।