रिखणीखाल-
रिखणीखाल प्रखंड के सीमांत गाँव सिलगाव का राजकीय प्राथमिक विद्यालय साठ के दशक का बना हुआ है,समय-समय पर मरम्मत व रखरखाव के अभाव में अब भवन दम तोड़ता नजर आ रहा है।
जैसे कि आप देख ही रहे हैं कि विद्यालय भवन जगह-जगह से पलस्तर झडता जा रहा है,दीवारों पर पीपल व अन्य पौधे जन्म लेने लगे हैं तथा दीवार के पत्थर,गारा मिट्टी झड़ने लगे है तथा सांप,बिच्छू,चिड़िया अपना डेरा बनाने लगे हैं।
तो ऐसे में छोटे छोटे बच्चे पढ़ाई कैसे कर पायेंगे ये तो शिक्षा विभाग बखूबी जानता है।अभी चार दिन पहले शिक्षा मंत्री जी का एक बयान आया है कि” बच्चे अपना ख्याल खुद रखें,मैं कोई शक्तिमान नहीं हूँ।बारिश में ऐसे जर्जर भवनों से स्वयं अपना बचाव करे।”
अब सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि, ऐसे में विद्याध्ययन कैसे हो पायेगा ।जब विद्यालय गिरने के कगार पर हो।विद्यालय की हालत जर्जर हो रखी है।
जब इस विद्यालय भवन के वर्तमान हालात पर ग्राम पंचायत प्रधान सिलगाव सतपाल से बात की गयी तो ये कहते दिखे कि, विद्यालय भवन बहुत ही जर्जर हालत व गिरने के कगार पर है।अब जिस भवन को साठ पैसठ साल हो गये हो वो ज्यादा दिन चल भी नहीं सकता।आजकल स्कूल कालेज बन्द है तो ऐसे मौके पर मरम्मत व सौन्दर्यकरण करवाना उचित रहेगा ,बाद में स्कूल खुलने पर व्यवधान हो जाता है।
अब अभिभावक कहते हैं कि, विद्यालय भवन की मरम्मत व जीर्णोद्धार शीघ्र हो ताकि उन्हें आन्दोलन व अन्य कदम उठाने के लिए बाध्य न किया जाए।