स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):-
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राजनैतिक दुर्भावनाओं से प्रेरित होकर दायर की गई दो अलग अलग पी.आई.एल. पर सुनवाई करते हुए दोनों याचिकाकर्ताओ पर पचास – पचास हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
न्यायालय ने यह जुर्माना याचिकाकर्ताओ से दो सप्ताह के भीतर बार एसोसिएशन के खाते में जमा करने को कहा है । जुर्माना जमा नहीं करने पर जिलाधिकारी हरिद्वार को निर्देश दिए हैं कि विधि अनुसार उनकी सम्पति से वसूल करें। मामले को सुनने के बाद कोर्ट ने दोनों की जनहित याचिकाए खारीज कर दी है।
मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश आर.एस.चौहान और न्यायमूर्ति एन.एस.धनिक की खण्डपीठ में हुई । पहले मामले में देहरादून निवासी उमेश कुमार ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि खानपुर हरिद्वार के विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन उनके पुत्र व पत्नी अपने काफिले में हूटर व लाल बत्ती लगा कर मंगलोर, खानपुर, रुड़की सहित कई स्थानों में जाते है जिससे कि इस क्षेत्र में भय का माहौल बना रहता है। हूटर बजाने से स्कूल, घरों, अस्पतालों का माहौल खराब हो रहा है, इस पर रोक लगाई जाए।
पूर्व में भी न्यायालय ने इस तरह के सायरन आदि बजाने पर रोक लगाई थी। सुनवाई के दौरान न्यायालय ने कहा कि यह जनहित याचिका राजनैतिक दुर्भावनाओं से प्रेरित होकर दायर की गई है। विधयाक 2017 से है, पहले जनहित याचिका दायर क्यों नही की गई ? दूसरी जनहित याचिका रुड़की निवासी संजीव कुमार द्वारा महापौर गौरव गोयल के खिलाफ दायर की गई है। जिसमे कहा गया कि महापौर ने वित्तीय अनियमितताएं की गई है । उनके द्वारा जितने भी निर्माण कार्य किए गए है उनमें उनके द्वारा घटिया सामग्री का उपयोग किया गया है, लिहाजा इसकी जाँच कराई जाए और उनके वित्तीय पावर सीज किये जाएं। इस जनहित याचिका को भी न्यायालय ने राजनैतिक दुर्भावना से प्रेरित मानते हुए खारीज कर दिया ।