- आयुष सचिव डॉ पंकज पांडे ने 12 जुलाई को करे दिये थे कुलपति के वित्तीय अधिकार सीज
- 13 जुलाई को कुलपति ने नियमों को ताक पर रखकर बदल दिए दो कैंपस अधिकारी
- फर्जी तरीके से कुलपति बनने का आरोप है डॉ० जोशी पर
रिपोर्ट-जगदम्बा कोठारी
देहरादून। उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के वर्तमान एवं विवादित कुलपति डॉ० सुनील कुमार जोशी ने आज बुधवार को एक नए विवाद को जन्म देकर शासन को खुलेआम चुनौती दी है।
फर्जी तरीके से नियुक्ति पाए कुलपति डॉ सुनील कुमार जोशी को लेकर 12 जुलाई को आयुष मंत्रालय द्वारा कुलपति डॉ जोशी के वित्तीय अधिकार सीज किए जाने के 24 घंटे के भीतर ही विवादित कुलपति हरकत में आए और उन्होंने 13 जुलाई को अपने दो आदेशों में डॉ डीपी पैन्यूली को विश्वविद्यालय कैंपस का प्रभारी निदेशक बनाया। अभी तक प्रोफेसर राधाबल्लभ सती यह जिम्मेदारी निभा रहे थे लेकिन अचानक से प्रो० सती को हटाकर मनमाने तरीके से यह जिम्मा डॉ डीपी पैन्यूली को दे दिया गया। वही दूसरे आदेश में कुलपति ने उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय हरिद्वार से प्रोफेसर अनूप कुमार गक्खड को हटाकर दिनेश चंद्र सिंह को विश्वविद्यालय, ऋषिकुल परिसर हरिद्वार का नया केंपस निदेशक बना दिया।
उनके यह दोनों आदेश जारी होने के बाद से आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय फिर विवादों में घिर गया है।
गौरतलब है कि डॉ विनोद कुमार चौहान बनाम उत्तराखंड राज्य व अन्य वादी द्वारा डॉ सुनील कुमार जोशी को कुलपति बनाए जाने को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसमें डॉ विनोद कुमार चौहान ने आरोप लगाए थे कि मानक पूरे न करने, तथ्य एवं विवरण छुपाए जाने के कारण इन कुलपति की फर्जी तरीके से नियुक्ति हुई है।
जस्टिस केडी शाही इस कुलपति जोशी से जुड़े गड़बड़ी के मामलों की जांच कर रहे हैं। वहीं 12 जुलाई को आयुष सचिव डॉ पंकज पांडे ने कुलपति के वित्तीय अधिकार सीज करते हुए देहरादून डीएम राजेश कुमार को सौंप दिए थे। लेकिन बुधवार को कुलपति जोशी ने यह दो आदेश जारी कर शासन को खुलेआम चुनौती दी है। अब देखना होगा कि आयुष मंत्रालय अपने इस विवादित कुलपति पर क्या और कब कार्यवाही करता है!