मदकोट समिति मे सचिव द्वारा अपने करीबी रिस्तेदारो का लिया गया ऋण बिना बैंक जमा किये ही एवं बिना रशीद काटे ही समिति खातों मे ऋण को समाप्त किया गया है, जिनके नाम इस प्रकार है
1- पुष्कर सिंह पुत्र मोहन सिंह ग्राम -फापा जो उनके चाचा है उनका 01-09-2015 को 91849.50रु का ऋण
2-लक्ष्मण सिंह पुत्र प्रहलाद सिंह ग्राम चोना जो उनके ससुर जी है उनका 01-09-2015 को 92349.50रु का ऋण तथा 30-04-2016 को अपने अभिलेखों से 35000रु का ऋण बितरण किया गया हैl
3-केदार सिंह पुत्र धन सिंह ग्राम -फापा जो उनके बड़े भाई है उनका 03-03-2021को 60469.66रु का रशीद संख्या 246/46दिखाया गया है जो की एक फर्जी दिखाया गया हैl
जो कास्कार का ऋण 0%ब्याज दर पर था उन कास्कारो से पांच हजार रु तक लिए जाना समिति मे तीन प्रति की रशीद होती हैl एक कास्टकार को एक बैंक को एक समिति मे रहती है लेकिन रशीद काटने के बाद कार्बन को निकाल कर सदस्य से जो धन लिया जाता था ब्याज के कॉलम मे लिख कर कास्टकार को दिया जाता है लेकिन समिति और बैंक प्रति मे नहीं लिखा जाता है,जिनके एक दो उदाहरण निम्न है:-
1-भीम सिंह पुत्र नैन सिंह ग्राम -चोना 5141रु
2-हीरा सिंह पुत्र नथो सिंह ग्राम -रींगू 5000रु
सचिव द्वारा 2015से वर्तमान समय तक जिन भी कास्त कार को नया ऋण बितरण किया गया है, उन से दो से चार हजार रु उनके ऋण बैंक खाते मे जाते ही 7108रु या 8108रु का बिड्राल लिया जाता है, जिसमे से 5108रु समिति मे शेयर के रूप मे कास्त कार का जमा होता है,बाकि बचा वाला सचिव द्वारा लिया जाता हैl
सचिव द्वारा अपनी माँ तथा पत्नी का ऋण भी बिना रशीद काटे ही समिति खातों मे 01-07-2018से 31-03-2019के बीच जमा दिखाया गया था लेकिन समिति स्टाप को जब इसके बारे मे पता चला तो 28-05-2022को इस ऋण को जमा किया गया l समिति को चार वर्ष तक गुमराह किया गया,इस ऋण को तीन वर्ष तक बकाया सूची मे नहीं लिया गया हैl
सरकार द्वारा बीमा कलेम की धनराशि जो कास्त कारो के समिति खाते मे दिया जाता हैl उस धनराशि को सचिव कास्त कारो के पास बुक मे एंट्री नहीं की जाती हैl कास्त कारो को बीमा का धन तीन से पांच हजार कम बताकर उनके ऋण खाते मे बढ़ा दिया जाता हैl
रिपोर्ट / धीरज कुमार