टिहरी जिला कारागार में गबन के मामले में फरवरी माह से बंद सहायक निदेशक निलंबित कांतिराम के ऊपर जल्दी ही विजिलेंस का शिकंजा कस सकता है।
हाईकोर्ट ने देहरादून निवासी अधिवक्ता एसके सिंह की जनहित याचिका में दिसंबर 2021 में विजिलेंस को आदेश दिए थे कि कांति राम जोशी के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति के मामले की जांच को शीघ्र पूरा करें।
विजिलेंस ने हालांकि सितंबर में 2021 में आरोपी अधिकारी कांति राम जोशी के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मुकदमा भी दर्ज कर दिया था परंतु मुकदमा दर्ज करने के बाद विजिलेंस ने आगे की कार्यवाही एक वर्ष बीत जाने के बाद भी अब तक पूरी नहीं की गयी है।
शिकायत कर्तागणों ने उच्च न्यायालय नैनीताल में अवमानना याचिका दाखिल करते हुए सचिव सतर्कता तथा विजिलेंस निदेशक को पार्टी बनाते हुए आरोपी कांतिराम के विरुद्ध प्रचलित जांच/ विवेचना की कार्यवाही को शीघ्र पूरा करने का आग्रह किया था।
न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की पीठ द्वारा 23 मार्च 2023 को याचीगणों की अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए विजिलेंस सचिव तथा निदेशक को एक अवसर देते हुए आरोपी के विरुद्ध जांच की कार्यवाही को जल्दी पूरा करने के निर्देश दिए गए।
याचिकाकर्ता एस के सिंह आदि को निर्देश दिए हैं कि वह सभी तथ्यों से पुनः एक बार फिर से सचिव सतर्कता तथा निदेशक सतर्कता को अवगत कराते हुए जांच का आग्रह करे।
हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिए हैं कि यदि विजिलेंस के द्वारा याचिकाकर्ताओं के अनुरोध पत्र पर 3 माह में कोई विचार जांच या कार्यवाही नहीं की जाती है तो याचिकाकर्ता फिर से उच्च न्यायालय के समक्ष अवमानना याचिका दाखिल करने के लिए स्वतंत्र होंगे।
इस मामले में अब यह देखना बेहद दिलचस्प होगा कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद विजिलेंस विभाग के जिम्मेदार अधिकारी क्या कार्यवाही करते हैं।