रिपोर्ट- कार्तिक उपाध्याय
देहरादून
आज देर शाम उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा पूर्व में हुई परीक्षाओं में शामिल नकलचियों की सूची जारी की गई ।
सूची जारी होते ही सूची संशय में है और साथ ही आयोग की कार्यप्रणाली और अधिकारी फिर सवालों के घेरे में।
बात करें वन दरोगा परीक्षा 2021 में अनुचित साधनों का प्रयोग करने वाले अभ्यर्थियों का जो विवरण आयोग द्वारा दिया गया है उसमें अभ्यर्थी की उपजाति एवं पिता की उपजाति में अंतर देखा गया है,जो स्वीकार करने योग्य नहीं है,हालांकि हास्य पद जरूर है ।
आप भी देखें जैसे 17 नंबर पर पंकज भट्ट अभ्यर्थि है परंतु उनके पिता का नाम विपिन चंद्र दुर्गापाल दर्शाया गया है जो कि नैनीताल जिले के रहने वाले हैं इसी तरह जीना उपजाति के अभ्यर्थी के पिता के नाम के साथ भट्ट उपजाति जोड़ी गई तो वही दुर्गापाल उपजाति के साथ सिंह जाति ।
अब ऐसे में लगातार सवालों के घेरे में रहा आयोग हास्य स्थिति में आ गया है कि क्या यह लिस्ट जारी करने से पहले आयोग ने इसे पढ़ा ही नहीं या आयोग के सचिव सुरेंद्र सिंह रावत द्वारा हस्ताक्षर करने से पूर्व इसे अच्छे से पढ़ना जरूरी नहीं समझा गया।
पर्वतजन द्वारा दो बार इस संदर्भ में आयोग के सचिव से बात करने का प्रयास किया गया,लेकिन सचिव द्वारा फोन नहीं उठाया गया, उसके बाद पर्वतजन ने आयोग के अध्यक्ष से बात करी तो पता चला उन्हें इसकी जानकारी ही नहीं थी और उन्होंने कहा कि एसटीएफ द्वारा जो सूची आयोग को मिली उसे ही आयोग ने आगे बढ़ाया और जो भी गलतियां पर्वतजन द्वारा बताई गई है वह सही है और जल्द उन सभी त्रुटियों को आयोग द्वारा सही करा जा रहा है ।
लेकिन इसके बाद कई सवाल खड़े होते हैं यह क्या आयोग के अंदर बैठे अधिकारी इतने लापरवाह हैं की राज्य के भीतर जब युवाओं में इतना गुस्सा है और लगातार आंदोलन हो रहे हैं उसके बाद भी वह गंभीरता से कार्य नहीं कर पा रहे हैं ।
पर्वतजन एसटीएफ से वार्ता करने की कोशिश कर रहा है, जल्द आपको एसटीएफ से प्राप्त जानकारी दी जाएगी।