देहरादून में बढ़ते जन दबाव के कारण भूजल संकट बढ़ रहा है। इससे निपटने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की गंभीरता को देखते हुए एमडीडीए उपाध्यक्ष वंशीधर तिवारी ने कड़े प्रावधान अपनाने के निर्देश दिए हैं।
बंशीधर तिवारी ने अपने अधीनस्थों को साफ कह दिया है कि यदि मकान में लाॅन और यूरिनल पैनल नहीं होगा तो नक्शे पास नहीं कराए जाएंगे।
श्री तिवारी का कहना है कि शौचालय में यूरिनल पैनल की सुविधा होने से और लाॅन की व्यवस्था होने से पानी की बर्बादी रुकेगी तथा बारिश का पानी भूगर्भ में आसानी से समा सकेगा।
एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने निर्देश दिए हैं कि 300 वर्ग मीटर से अधिक भूमि पर नक्शा पास कराने के लिए लाॅन और यूरिनल पैनल का प्रावधान करना अनिवार्य होगा।
एमडीडीए वीसी श्री तिवारी ने बताया कि आमतौर पर भवन निर्माण के दौरान खाली जगह को टाइल्स अथवा पक्के निर्माण से पूरी तरह कवर कर दिया जाता है, जिससे बारिश का पानी जमीन में नहीं समा पाता। इसके अलावा व्यवसायिक भवनों में भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था किया जाना अनिवार्य कर दिया गया है।
जिन व्यवसायिक भवनों का रेन वाटर हार्वेस्टिंग के शर्त पर नक्शा पास किया गया था, अब उनका भी सत्यापन कराए जाने की तैयारी हो रही है। इसके अलावा जिन मानचित्रों को रूप टॉप सोलर पैनल लगाए जाने के प्रावधान के साथ स्वीकृत किया गया था, यदि उनमें यह नहीं पाए गए तो फिर उनके खिलाफ भी कार्यवाही किए जाने की बात कही जा रही है।
एमडीडीए वीसी वंशीधर तिवारी ने नगर क्षेत्र में पुराने कुओं की भी जानकारी तलब की है, ताकि उनको संरक्षित करके भूजल बढ़ाया जा सके।
भू जल संकट से निपटने के लिए इस तरह के दीर्घकालिक फैसलों के चलते एमडीडीए की गंभीरता की शहर मे काफी चर्चा है। बहरहाल इसका सुखद परिणाम कब तक निकलता है, यह देखने वाली बात होगी।