पर्वतजन न्यूज़ रिपोर्ट कार्तिक उपाध्याय
जनपद चंपावत
राज्य सरकार के अच्छी शिक्षा के लिए किए जा रहे लगातार वादे उत्तराखंड में खोखले नजर आते हैं ,जहां एक तरफ सरकार बड़े-बड़े पोस्टरों में अच्छी शिक्षा के वादे कर प्रदेशभर में टांग देती है वही धरातल पर हालात कुछ और हैं ।
यह प्राथमिक विद्यालय है जनपद चंपावत के विकासखंड पाटी की ग्राम सभा पीपलढिंग का,विद्यालय की बिल्डिंग इतनी जर्जर हो चुकी है दीवार,छत,फर्श सहित पूरी बिल्डिंग दरारों से पटी हुई है और ऐसे में ही विद्यालय में पढ़ाई कराई जा रही है ।
सवाल यह है कि आखिर खतरे में पड़ी इन मासूमों की जान का संज्ञान विभाग कब लेगा और कब इन हालातों को बदलेगा ।
गांव के ही एक युवा सूरज ने इस मामले को सोशल मीडिया के माध्यम से उठाया है सूरज ने अपनी फेसबुक पेज पर लिखा है
“यह है मेरे क्षेत्र ग्रामसभा पीपलढिंग(चम्पावत)का राजकीय प्रार्थमिक विद्यालय , जहां का विद्यालय का भवन जर्जर अवस्था में है, टूटने की असीम संभावनाएं हैं जो छोटे छोटे बच्चो के लिए जान का खतरा बन सकता है!
यह क्षेत्र अनुसूचित बाहुल्य क्षेत्र है क्या बच्चो के बैठने की व्यवस्था होगी, उनको शिक्षा से वंचित किया जायेगा क्या?या ऐसे जर्जर भवन में बैठने के लिए लिए मजूबर किया जायेगा?
वोट के वक्त तो पार्टियों के नेता लोग वोट लेने के लिए झूठे वादे करते हैं। क्या pipaldhig ग्राम के 200 वोटर वोट बैंक मात्र है,अगर विद्यालय में कल के दिन कोई अनहोनी होती है इसके जिम्मेदार कौन होगा?
विभाग भी अपना पल्ला झाड़कर शिक्षक को दोषी बनाएगा!”
वही इस संदर्भ में जब ग्राम प्रधान से हमने बात करी तो उन्होंने बताया की विद्यालय की जर्जर अवस्था की सूचना आपदा प्रबंधन विभाग पाटी चंपावत को दे दी गई है ।
देखना होगा आखिर कब तक विभाग इसका संज्ञान लेता है और बच्चों के जीवन पर मंडरा रहे खतरे को समझते हुए जल्द ही विद्यालय की नई बिल्डिंग बनाता है!