हाईकोर्ट ने विजिलेंस डायरेक्टर को समाज कल्याण विभाग के अधिकारी रहे एनके शर्मा पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने, सरकारी भूमि पर कब्जा करने, विभागीय योजनाओं में की गई अनियमितताओं के मुकदमों की विजिलेंस जांच पर एक्शन टेकन रिपोर्ट 4 सप्ताह में हाई कोर्ट में प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं।
रिपोर्ट पेश नहीं करने पर निदेशक सतर्कता को व्यक्तिगत रूप से अगली सुनवाई में कोर्ट में पेश होना होगा।
शुक्रवार को मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।
देहरादून निवासी अधिवक्ता एसके सिंह ने हाई कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर कहा था कि 2019 में जनहित याचिका पर कोर्ट ने तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी एनके शर्मा के विरुद्ध जांच रिपोर्ट में कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
इस मामले में 10 मार्च 2021 को हाईकोर्ट ने तत्कालीन विजिलेंस डायरेक्टर वी विनय कुमार को तलब किया था।
तत्कालीन निदेशक ने कोर्ट को जांच एवं कार्रवाई संबंधित रिपोर्ट तीन माह में पूर्ण करने का भरोसा दिया था। इसी आधार पर उनको व्यक्तिगत पेशी से छुट दी गयी थी।
याचिकाकर्ता एस के सिंह ने हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र में इस बात का उल्लेख किया था कि विजिलेंस द्वारा हाईकोर्ट में 2021 में प्रस्तुत रिपोर्ट पर अभी तक कोई भी ठोस कार्यवाही नहीं की गई है।
इस मामले में बताते चलें कि तत्कालीन निदेशक ने हाईकोर्ट में शपथपत्र दाखिल कर एनके शर्मा द्वारा 99.97% आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का खुलासा किया था।
हाई कोर्ट में शुक्रवार को इस मामले में हुई सुनवाई में कड़ा रुख अपनाते हुए विजिलेंस डायरेक्टर को चार सप्ताह में जांच रिपोर्ट में हुई कार्रवाई का ब्योरा तलब किया गया है।
हाई कोर्ट ने आदेश मे यह भी स्पष्ट किया है कि यदि विजिलेंस डायरेक्टर द्वारा 4 सप्ताह में एनके शर्मा के विरुद्ध एक्शन टेकन रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की जाती है तो अगली सुनवाई में विजिलेंस डायरेक्टर को स्वयं हाईकोर्ट में उपस्थित रहना होगा।
हाईकोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई 20 दिसंबर 2023 को नियत की है।