अनुसूचित जाति का फर्जी प्रमाणपत्र लगाकर ग्राम पंचायत सदस्य (वार्ड मेंबर) बने नेपाली मूल के व्यक्ति को ज्वाइंट मजिस्ट्रेट सदर पौड़ी ने पद से बर्खास्त कर दिया है।
डीएम ने मामले की जांच के निर्देश दिए थे। ग्राम पंचायत सदस्य को 12 दिसंबर 2023 को कारण बताओ नोटिस जारी कर 15 दिनों जवाब देने के निर्देश दिए थे लेकिन एक माह से भी अधिक समय में उन्होंने कोई जवाब दाखिल नहीं किया गया। मामले में पंचायतीराज अधिनियम के तहत कार्रवाई करते हुए नेपाली मूल के व्यक्ति को ग्राम पंचायत सदस्य (वार्ड मेंबर) के पद से बर्खास्त कर दिया है।
ब्लॉक कल्जीखाल के ग्राम पंचायत बेडगांव में प्रधान प्रमोद रावत ने वर्ष 2023 में तत्कालीन डीएम को शिकायती पत्र सौंपा था। उन्होंने एक ग्राम पंचायत सदस्य राकेश कुमार के नेपाली मूल के होने और फर्जी अनुसूचित जाति प्रमाणपत्र के आधार पर त्रि-स्तरीय पंचायत चुनावों में निर्वाचित होने की शिकायत की थी।
डीएम के निर्देश पर नायब तहसीलदार ने मामले की जांच की तो शिकायत सही मिली। जांच में पाया गया कि वर्ष 1950-60 के दशक में नेपाली मूल का एक व्यक्ति वीर बहादुर बेड़गांव आया था और 1977 में एक आवासीय परियोजना के लिए भूमि का पट्टा आवंटित हुआ था।
वीर बहादुर ने तहसील सतपुली के एक गांव की युवती से विवाह कर लिया था। साथ ही परिवार रजिस्टर में परिवार के सदस्यों का नाम दर्ज करवा लिया था।
वर्ष 2012 में वीर बहादुर के पोते राकेश कुमार ने अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र बनवाया था। वर्ष 2019 के त्रि- स्तरीय पंचायत चुनाव में राकेश कुमार बेड़गांव पंचायत में अनुसूचित जाति आरक्षित सीट से निर्विरोध ग्राम पंचायत सदस्य निर्वाचित हो गया था।