गिरीश गैरोला//
टूटे हुए पुल को जोड़ने में अपनी पीठ थपथपा रहे सरकार के प्रतिनिधियों पर पूर्व विधायक सजवाण ने कसा तंज
उत्तरकाशी जनपद को चीन सीमा से जोड़ने वाले गंगोरी पुल के ध्वस्त होने के बाद उसे फिर से जोड़ने के खुशी में खुद की पीठ थपथपा रहे सरकारी प्रतिनिधियों पर कांग्रेस के पूर्व गंगोत्री विधायक विजयपाल सजवाण ने तंज कसते हुए कहा कि वर्ष 2012 -13 की भीषण आपदा मैं जब अस्सी गंगा अपने प्रचंड वेग में बह रही थी उस दौरान अस्थाई व्यवस्था के तौर पर गंगोरी में वर्ली ब्रिज स्थापित किया गया था किंतु भाजपा की केंद्र सरकार ने सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चीन सीमा से लगे इस क्षेत्र की उपेक्षा करते हुए ध्वस्त हुए स्थान पर फिर से अस्थाई बेली ब्रिज का ही निर्माण कराया है, जबकि उत्तरकाशी से गंगोत्री तक कई अन्य वैली ब्रिज के स्थान पर पक्के RCC / गर्डर ब्रिज बनाए जाने अपेक्षित हैं। एक तरफ जहां पड़ोसी देश चीन सीमा तक चढ़ आया है वही केंद्र सरकार चार धाम यात्रा मार्ग को नदी के पार से ले जाने के चलते पुल का खर्चा बचाने की बात कर रही है , जो हजम नहीं होती। गौरतलब है गंगोरी में ध्वस्त हुए पुल को फिर से जोड़ने के मौके पर बीआरओ के कमांडर सुनील श्रीवास्तव ने मीडिया को बयान दिया था की अस्थाई पुल से गुजरते हुए ओवरलोड वाहनों से सामान निकाल कर पुल से पास कराया जाएगा । उन्होंने यह भी कहा कि चार धाम यात्रा मार्ग का एलाइनमेंट बदलकर भागीरथी के उस पार किए जाने के बाद से सरकार दो पुलों पर खर्च करने से बच रही थी। पूर्व विधायक सजवाण ने कहा कि जल्दी गंगोरी में स्थाई पक्का पुल निर्माण नहीं हुआ तो कांग्रेस पार्टी आंदोलन के लिए मजबूर होगी।