जैविक डेटा को समझने, संरक्षित और विश्लेषण करने हेतु बायोइन्फॉर्मेटिक्स आधारित पांच दिवसीय ट्रेनिंग कार्यक्रम की शुरुआत देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में हुयी, जिसमें उत्तराखंड साइंस एजुकेशन एंड रीसर्च सेंटर (यूसर्क) द्वारा उत्तराखंड से चयनित छात्रों को बायोइन्फॉर्मेटिक्स से सम्बंधित आवश्यक जानकारियों से रूबरू कराया जाएगा। उत्तराखंड में पहली बार इस प्रकार का ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किया जा रहा है।
मंगलवार को देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में उत्तराखंड साइंस एजुकेशन एंड रीसर्च सेंटर (यूसर्क) के सहयोग से पांच दिवसीय ट्रेनिंग कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। कार्यशाला में बायोइन्फॉर्मेटिक्स की बारीकियों से रूबरू होने के लिए यूसर्क द्वारा पूरे उत्तराखंड से 30 छात्रों का चयन किया गया है, जिन्हें देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी के डीन, रिसर्च एंड इनोवेशन प्रोफ़ेसर डॉ नबील अहमद और डॉ निर्जरा सिंघवी ट्रेनर एक्सपर्ट के तौर पर बायोइन्फॉर्मेटिक्स और जीनोमिक विश्लेषण से संबंधित आवश्यक जानकारियां प्रदान करेंगे। ट्रेनिंग कार्यशाला के शुभारंभ अवसर पर मुख्य अतिथि यूकेपीएससी के भूतपूर्व अध्यक्ष और उत्तराखंड स्टेट बायोटेक्नोलॉजी विभाग के पूर्व निदेशक प्रोफ़ेसर डॉ जगमोहन सिंह राणा ने कहा कि मानव स्वास्थ्य में सुधार, दवा विकास और कृषि क्षेत्र में बायोइन्फॉर्मेटिक्स और जीनोमिक विश्लेषण का अत्यधिक महत्व है और आधुनिकता के साथ साथ नई तकनीकी इस क्षेत्र में काफी कारगर साबित हो रही है, जिसे देखते हुये यूसर्क ने देवभूमि उत्तराखंड विश्वविद्यालय के साथ मिलकर छात्रों को बायोइन्फॉर्मेटिक्स को बढ़ावा देने के लिए एक सराहनीय पहल की है। वहीं, विशिष्ठ अतिथि यूसर्क निदेशक डॉ अनीता रावत ने कहा कि बायोइन्फॉर्मेटिक्स एक व्यापक क्षेत्र है, जो समाज कल्याण और पर्यावरण विज्ञान में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इसलिए उत्तराखंड में पहली बार इस तरह की कार्यशाला आयोजित की जा रही है, जिसमें पूरे उत्तराखंड राज्य से छात्रों का चयन किया गया है। वहीं, विश्वविद्यालय के उपाध्यक्ष श्री अमन बंसल ने कहा कि कार्यशाला के माध्यम से छात्रों को उद्योग विशेषज्ञों से संबंधित क्षेत्र की बारीकियों को समझने का मौका मिलेगा, साथ ही कार्यशाला प्रमाणपत्र व्यावसायिक शिक्षा में चार चांद लगाएगा। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफ़ेसर डॉ प्रीति कोठियाल ने बायोइन्फॉर्मेटिक्स और जीनोमिक विश्लेषण के उपयोग पर प्रकाश डालते हुए कार्यशाला के सफल संचालन के लिये शुभकामनायें दीं। पांच दिनों तक चलने वाली ट्रेनिंग में एचबीटीयू कानपुर से प्रोफ़ेसर अजय कुमार, जामिया मीलिया इस्लामिया दिल्ली से प्रोफ़ेसर इम्तियाज़ और प्रोफ़ेसर शाज़िया शिरक़त करेंगे। शुभारंभ अवसर पर उपकुलपति डॉ आरके त्रिपाठी, डीन एकेडमिक अफेयर्स डॉ संदीप शर्मा, डीन रीसर्च एंड इनोवेशन डॉ नबील अहमद, डॉ निर्जरा सिंघवी सहित शिक्षक एवं छात्र उपस्थित थे।