देहरादून की एकमात्र महिला ई रिक्शा चालक युवती गुलिस्तां की हर जगह भले ही उसकी हिम्मत और हौसले के लिए तारीफ हो रही हो लेकिन ऑटो चालक उनके साथ मनमानी करते हैं।
यहां तक कि चलती रिक्शा से सवारियां तक उतार लेते हैं। कई बार गुलिस्तां को अपनी दिनभर की मजदूरी तक गंवानी पड़ती है। गौरतलब है कि गुलिस्तां का परिवार ई रिक्शा से आने वाली कमाई पर ही निर्भर है। लेकिन ऑटो चालकों की मनमानी के कारण कई बार गुलिस्तां को सवारी तक नहीं मिल पाती।
ऑटो चालक ई रिक्शा में सवारी नहीं बिठाने देते। यह हालत तब है जब कि पुलिस प्रशासन को ई रिक्शा से कोई आपत्ति नहीं है। ऐसे में गुलिस्तां परेशान है कि परिवार के पालन पोषण में एक तो मुश्किल हो रही है दूसरे बैंक से लिए गए लोन की किस्त समय पर चुकाया जाना भी मुश्किल हो गया है।
गुलिस्तां की तरह ही कई और भी ई रिक्शा चालक हैं जो ऑटो चालकों की मनमानी से त्रस्त हैं।
ई रिक्शा चालकों ने ऑटो चालकों की मनमानी के खिलाफ संभागीय परिवहन अधिकारी देहरादून से शिकायत की है और उनसे कहा है कि उन्हें ई रिक्शा संचालन के लिए जगह निर्धारित की जाए।
ऑटो रिक्शा चालकों की मनमानी के खिलाफ आज ई रिक्शा चालकों ने संभागीय परिवहन कार्यालय पर धरना भी दिया।
बड़ी तादाद में ऑटो और विक्रम के कारण प्रदूषित होते देहरादून में ई रिक्शा को पर्यावरण के लिहाज से एक सुकूनदायक आगमन माना जा रहा था। किंतु इस तरह की अड़ंगेबाजी से ई-रिक्शा को शुरुआती दौर में ही झटका लग सकता है।
यदि ऑटो चालकों की मनमानी पर अंकुश नहीं लगाया गया तो सवारियां भी यह रिक्शा में बैठने से कतरा सकती हैं। देखना यह है कि पुलिस प्रशासन और परिवहन विभाग इस समस्या का किस तरह से निपटारा करता है।