अल्मोड़ा। शिक्षक दिवस के अवसर पर जहां पूरे प्रदेश में शिक्षकों को सम्मानित किया जा रहा था, वहीं राजकीय शिक्षक संघ ने इसे विरोध दिवस के रूप में मनाया। संगठन ने अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर अल्मोड़ा बाजार में मौन जुलूस निकाला और सरकार पर हठधर्मिता का आरोप लगाया।
तीन सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन जारी
जिलाध्यक्ष भूपाल सिंह चिलवाल ने कहा कि संगठन की तीन प्रमुख मांगें हैं –
- शत-प्रतिशत पदोन्नति सुनिश्चित करना
- प्रधानाचार्य के पदों पर सीधी भर्ती का विरोध
- स्थानांतरण प्रक्रिया को शुरू करना
उन्होंने कहा कि जब तक इन मांगों को सरकार पूरा नहीं करती, तब तक आंदोलन चरणबद्ध तरीके से जारी रहेगा।
सरकार पर हठधर्मिता का आरोप
शिक्षक संघ ने आरोप लगाया कि सरकार अब तक प्रांतीय कार्यकारिणी को वार्ता के लिए नहीं बुला रही है। 18 अगस्त से आंदोलन लगातार चल रहा है, लेकिन न्यायोचित मांगों पर कोई ठोस समाधान नहीं दिया गया।
उग्र प्रदर्शन की चेतावनी
भूपाल सिंह ने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो संगठन उग्र प्रदर्शन करने से भी पीछे नहीं हटेगा। हालांकि, शिक्षण कार्य बाधित न हो, इसके लिए शिक्षक स्कूलों में पढ़ाई भी जारी रख रहे हैं।
शिक्षक दिवस को विरोध दिवस बनाया
जिला मंत्री राजू मेहरा ने कहा कि सरकार और शिक्षा विभाग की उपेक्षा के चलते शिक्षक दिवस को विरोध दिवस के रूप में मनाना पड़ा। उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ सम्मान समारोह आयोजित कर रही है, लेकिन शिक्षकों की वास्तविक समस्याओं का समाधान नहीं कर रही।
राजू मेहरा ने कहा, “वास्तविक सम्मान उसी दिन होगा जब हमारी न्यायोचित मांगों को पूरा किया जाएगा।”


