राज्य कर विभाग की बड़ी कार्रवाई, करोड़ों की टैक्स गड़बड़ियों का पर्दाफाश

व्यापार जगत में बुधवार को हलचल तब तेज हो गई जब राज्य कर विभाग ने कमिश्नर के निर्देश पर विभिन्न स्थानों पर एक साथ कार्रवाई चलाकर टैक्स से जुड़ी कई अनियमितताओं का खुलासा किया। छोई स्थित राज्य कर कार्यालय में आयोजित प्रेस ब्रीफिंग में सहायक राज्य कर आयुक्त अनिल कुमार सिन्हा ने पूरी जांच और अब तक सामने आए निष्कर्ष साझा किए।

सिन्हा ने बताया कि विभाग को लंबे समय से जीएसटी रिटर्न में हेरफेर, फर्जी व्यापारिक गतिविधियों, अवैध कारोबार और निरस्त जीएसटी पंजीकरण के बाद भी व्यापार जारी रखने जैसी शिकायतें मिल रही थीं। जांच को तेज किया गया और कई गंभीर तथ्य उजागर हो गए, जिसके बाद विभाग ने तुरंत सख्त कदम उठाए।

जांच में सामने आया कि मनरेगा के अंतर्गत सरकारी भुगतान लेने के बावजूद कई लाभार्थियों ने जीएसटी जमा नहीं किया। ऐसे 10 व्यक्तियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है, जबकि अन्य मामलों की पड़ताल जारी है।

इसी कड़ी में विभागीय टीम ने रामनगर क्षेत्र में एक ज्वेलरी कारोबार से जुड़े प्रतिष्ठान पर छापेमारी की। निरीक्षण में पता चला कि व्यापारी ने लगभग 3 करोड़ रुपये की बिक्री छिपाई थी। मौके पर ही 2 लाख रुपये कर के रूप में जमा कराए गए और शेष कर देयता 15 दिनों के भीतर अदा करने को कहा गया है। इस प्रकरण में आगे की कार्रवाई जारी है।

विभाग ने अपनी रिपोर्ट में यह भी बताया कि पिछले माह कई निर्माणाधीन प्रोजेक्ट्स में टैक्स की भारी अनियमितताएं पाई गईं, जिनसे करीब 3 करोड़ रुपये का रिवर्स टैक्स वसूला गया। 22 सितंबर 2025 के जीएसटी संशोधन के बाद होटल और रिज़ॉर्ट सेक्टर की जांच को और सख्त किया गया, जिसके अंतर्गत ऑपरेटरों से 53.01 लाख रुपये की टैक्स देयता रिवर्स कराई गई है।

छानबीन में यह भी स्पष्ट हुआ कि कुछ व्यापारी जीएसटी पंजीकरण रद्द होने के बाद भी कारोबार चला रहे थे। ऐसे सभी व्यक्तियों की सूची बनाई जा चुकी है और विभाग उनकी जांच तेजी से आगे बढ़ा रहा है।

सहायक आयुक्त अनिल कुमार सिन्हा ने दो टूक कहा कि कर चोरी करने वालों के खिलाफ अब कड़ी दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। विभाग आकस्मिक निरीक्षण और अचानक छापेमारी को और बढ़ाने जा रहा है। सभी मामलों की विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है, जिसे जल्द ही उच्च स्तर पर भेजा जाएगा।

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