राज्य की करीब 40 हजार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए एक महत्वपूर्ण अपडेट सामने आया है। महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग ने लंबे समय से लंबित चल रही मानदेय बढ़ोतरी का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, मानदेय में लगभग 1600 रुपये तक वृद्धि की संभावना जताई जा रही है, जिसकी औपचारिक घोषणा जल्द हो सकती है।
लंबे आंदोलन के बाद दिखी उम्मीद की किरण
पिछले कई दिनों से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता विभिन्न मांगों को लेकर विरोध जता रही हैं। उनकी प्रमुख मांगों में शामिल हैं,
उन्हें राज्य कर्मचारी का दर्जा प्रदान किया जाए
दर्जा मिलने तक मानदेय को 9300 रुपये से बढ़ाकर 24,000 रुपये किया जाए
विभाग में खाली पड़े सुपरवाइजर पदों पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रमोशन मिले
सेवानिवृत्ति पर पेंशन व्यवस्था लागू की जाए
रिटायरमेंट पर मिलने वाली एकमुश्त राशि को 5 लाख रुपये तक किया जाए
2024 में बनी थी उच्च स्तरीय कमेटी
आंगनबाड़ी, आशा और भोजन माताओं की समस्याओं को व्यवस्थित करने के लिए सरकार ने वर्ष 2024 में तत्कालीन अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की थी। कई दौर की बैठकों के बाद अब मानदेय वृद्धि से संबंधित प्रक्रिया आगे बढ़ चुकी है।
रिटायरमेंट राशि पर बनी सहमति
राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की प्रदेश अध्यक्ष सुशीला खत्री ने बताया कि हाल ही में हुई बैठक में महत्वपूर्ण सहमति बनी है—
रिटायरमेंट पर एकमुश्त एक लाख रुपये दिए जाएंगे
यह राशि हर वर्ष 5 प्रतिशत की दर से बढ़ाई जाएगी
सुपरवाइजर पदों पर भर्ती प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाएगी
उनके अनुसार, वर्ष 2021 के बाद से अब तक मानदेय बढ़ोतरी का सरकारी आदेश जारी नहीं हुआ है, इसलिए आंदोलन अभी जारी रहेगा।
सरकार का सकारात्मक रवैया—रेखा आर्या
महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता विभाग की रीढ़ हैं। वे न सिर्फ विभागीय योजनाओं को बल्कि कई अन्य सरकारी कार्यक्रमों को जमीन तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाती हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है और जल्द ही ठोस निर्णय सामने आएगा।


