डबल इंजन में पटरी से उखड़ी नौकरशाही
ऊधमसिंहनगर में पुलिस कप्तान रहते पुलिस वालों की पीठ पर पुलिसवाला बिठाकर फील्ड में दौड़ाने को लेकर पूरे देश में तब चर्चा में आए केवल खुराना एक बार फिर चर्चा में हैं।
केवल खुराना इन दिनों देहरादून में उत्तराखंड ट्रैफिक निदेशालय में निदेशक ट्रैफिक के पद पर तैनात हैं। पूरे देहरादून में ट्रैफिक नियमों का पालन करने के लिए केवल खुराना द्वारा लगाए गए अवैध होर्डिंग तो चर्चा का विषय हैं ही, क्योंकि यह पहला अवसर है, जब खाकी पहना एक अधिकारी नियमों का पालन करने के लिए अवैध होर्डिंग लगवा रहा है।
इस बीच 14 फरवरी 2018 को वैलेंटाइन डे के अवसर पर ट्रैफिक डायरेक्टरेट के पेज पर एक खबर प्रकाशित हुई, जिसमें बहुत गंभीर बात लिखी गई। केवल खुराना का फोटो लगे इस पेज पर एक स्टीकर दर्शाया गया, जिसमें बताया गया कि बहुत जल्दी उन कार, बाइक पर ये स्टीकर ‘बेशर्म नियम तोड़ता नालायक’ चिपकाया जाएगाा, जो यातायात नियमों को तोड़ते हैं।
केवल खुराना के इस अति उत्साह के बाद एक बार नौकरशाही के पटरी से उखडऩे की पुष्टि होती है कि उत्तराखंड पुलिस आपका मित्र को आखिरकार यह अधिकार किसने दे दिया कि वो नियम कायदे कानूनों को धता बताते हुए किसी की गाड़ी पर यह स्टीकर चिपकाए। ट्रैफिक रूल के अंतर्गत नियमों का उल्लंघन करने पर गाड़ी का चालान करने से लेकर ड्राइवर का लाइसेंस निरस्त करने और गाड़ी सीज करने का भी प्रावधान है, किंतु संविधान में यह कहीं नहीं लिखा गया है कि कोई पुलिसकर्मी कुर्सी की हनक में कानून से ऊपर चला जाए।
उत्तराखंड के लोगों को याद होगा कि कुछ दिन पहले उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी जब निजी वाहन से जा रहे थे तो उनके वाहन का भी चालान हुआ और उन्होंने बड़ी शालीनता से चालान भुगता। अब यदि केवल खुराना की बात धरातल पर उतरती है और इसी प्रकार डीजीपी अनिल रतूड़ी के वाहन का फिर चालान होता है तो क्या श्री खुराना डीजीपी रतूड़ी की गाड़ी पर ‘बेशर्म नियम तोड़ता नालायक’ वाला स्टीकर चिपकाएंगे?
केवल खुराना के अनुसार यह स्टीकर नियम तोडऩे वाले को कुछ दिन तक गाड़ी में लगाए रखना होगा और यदि उसने अपनी मर्जी से स्टीकर निकाल दिया तो उसके खिलाफ और कड़ी कार्यवाही होगी। खुराना के अनुसार पुलिस लगातार नंबर के आधार पर ऐसी गाडिय़ों पर नजर रखेगी। खुराना के इस आदेश के बाद वास्तव में अनिल रतूड़ी भविष्य में गाड़ी लेकर निकलेंगे भी या नहीं, यह भी एक बड़ा सवाल है।
डीजीपी अनिल रतूड़ी के अलावा उत्तराखंड के मंत्री, विधायकों, सांसदों और नौकरशाहों को भी अब केवल खुराना के ‘बेशर्म नियम तोड़ता नालायक’ वाले स्टीकर से बचना होगा। इस संदर्भ में यातायात निदेशक केवल खुराना का कहना है कि अभी यह शुरुआती योजना है। जनता से इस संबंध में राय व सुझाव मांगे जा रहे हैं। अगर राय पक्ष में आती है और इसमें और बेहतर करने के सुझाव आते हैं तो सुझावों के साथ इसे लागू किया जाएग।