प्रदेश में कई निजी अस्पताल लगातार अटल आयुष्मान योजना के नियमों के विपरीत जाकर धांधली करने में जुटे हुए हैं।
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के पास लगातार इस तरह की शिकायतें पहुंच रही हैं कि उत्तराखंड में निजी अस्पताल में आयुष्मान कार्ड धारक के भर्ती होने पर कुछ अस्पताल उससे विभिन्न जांच का पैसा ले रहे हैं। जबकि यह सभी जांच संबंधित पैकेज में शामिल होती हैं। यानी क्लेम के साथ-साथ अस्पताल मरीज से भी यह रकम वसूल रहे है।
अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के तहत राज्य में 55.16 लाख लोगों के आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं। योजना के तहत 102 राजकीय व 152 निजी चिकित्सालय सूचीबद्ध हैं। वहीं, 26 विशेषज्ञ सेवाएं, 917 पैकेज व 1671 प्रोसीजर इस योजना में शामिल हैं। आयुष्मान कार्ड धारक के अस्पताल में भर्ती होने पर उसका उपचार पूर्णतः नि:शुल्क किया जाता है। किसी भी बीमारी के निर्धारित पैकेज में रेडियोलॉजी, पैथोलॉजी जांच भी शामिल रहती हैं। यही नहीं, मरीज को डिस्चार्ज होने पर 15 दिन की दवाएं भी मुफ्त देने की व्यवस्था है।
लेकिन सूत्रों से पता चला हैं कि प्रदेश में निजी अस्पताल अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना में गड़बड़ी कर रहे हैं। अस्पताल में संचालित डायग्नोस्टिक लैब को आउटसोर्स पर बता मरीज से जांच के नाम पर पैसा वसूल रहे हैं।
ऐसी शिकायतें मिलने पर राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के निदेशक-क्लेम मैनेजमेंट डा. वीएस टोलिया ने समस्त सूचीबद्ध निजी चिकित्सालयों को नोटिस जारी किया है।
जारी नोटिस में कहा गया है कि योजना के लाभार्थियों से धनराशि की मांग करना राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण एवं चिकित्सालय के बीच हुए अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के दिशा-निर्देशों में चिकित्सालय पर अवैध रूप से ली गई धनराशि के सापेक्ष अर्थदंड का भी प्राविधान है। ऐसे में अस्पताल अनुबंध की नियम व शर्तों के आधार पर योजना के लाभार्थियों को नि:शुल्क उपचार प्रदान किया जाना सुनिश्चित करें।