देहरादून। ऑपरेशन कालनेमि के तहत दून पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए फर्जी पहचान पर लंबे समय से देहरादून में रह रहे एक बांग्लादेशी नागरिक और उसकी सहयोगी महिला को गिरफ्तार किया है। आरोपी कई वर्षों से नकली नाम, पता, आधार कार्ड, पैन कार्ड और अन्य दस्तावेजों के जरिए शहर में रह रहा था। वहीं त्यूणी निवासी महिला, जिसने उसके फर्जी दस्तावेज तैयार कराने में मदद की थी, उसे भी पुलिस ने हिरासत में लिया है।
फेसबुक पर हुई पहचान, तीन बार टूरिस्ट वीजा पर भारत आया
जांच में पता चला कि आरोपी ममून हसन की पहचान देहरादून निवासी रीना चौहान से फेसबुक के माध्यम से हुई थी। नजदीकियां बढ़ने पर ममून वर्ष 2019, 2020 और 2021 में टूरिस्ट वीजा पर भारत आया। इन मुलाकातों के दौरान दोनों साथ रहे, जिसके बाद दोनों अवैध रूप से भारत-बांग्लादेश सीमा पार कर बांग्लादेश गए और वहां निकाह किया। वर्ष 2022 में दोनों दोबारा अवैध तरीके से भारत लौट आए।
पूर्व पति के नाम पर बनाए फर्जी कागज़ात
पूछताछ में सामने आया कि रीना चौहान ने अपने परिचितों की मदद से ममून हसन के लिए अपने पूर्व पति सचिन चौहान की पहचान के आधार पर आधार कार्ड, पैन कार्ड सहित कई फर्जी दस्तावेज तैयार कराए। इन्हीं दस्तावेजों की मदद से आरोपी “सचिन चौहान” नाम से देहरादून के एक क्लब में बाउंसर के रूप में काम कर रहा था।
नेहरू कॉलोनी पुलिस और LIU की संयुक्त कार्रवाई
20 नवम्बर को मिली गोपनीय सूचना के आधार पर थाना नेहरू कॉलोनी और एलआईयू की टीम ने अलकनंदा एन्क्लेव में दबिश देकर दोनों को पकड़ा। जांच में उनकी असली पहचान की पुष्टि होने पर दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया।
दर्ज मुकदमे
दोनों के खिलाफ निम्न धाराओं में केस दर्ज किया गया है,
420, 467, 468, 471, 120B भारतीय दंड संहिता
धारा 3 पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम 1920
धारा 14 विदेशी अधिनियम
दोनों को जेल भेज दिया गया है। फर्जी दस्तावेज तैयार कराने में शामिल अन्य लोगों की पहचान की जा रही है।


