देहरादून | जुलाई 2025-जयप्रकाश नौगाई
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत एक और बड़ी कार्रवाई की गई है। उत्तराखंड पेयजल निगम, हल्द्वानी के प्रभारी मुख्य अभियंता सुजीत कुमार को 10 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह रिश्वत कथित रूप से अभियंता ने अपनी पत्नी की कंपनी के खाते में ट्रांसफर करवाई थी।
शिकायत के बाद जांच में हुआ खुलासा
काशीपुर निवासी संजय कुमार ने मुख्यमंत्री कार्यालय में दर्ज शिकायत में आरोप लगाया था कि वर्ष 2022 में तत्कालीन अधीक्षण अभियंता सुजीत कुमार ने उनकी फर्म को पेयजल विभाग में काम दिलाने और पंजीकरण करवाने का आश्वासन दिया था। इसके बदले में पांच अलग-अलग किस्तों में ₹10 लाख की राशि ‘कुचु-पुचु इंटरप्राइजेज’ नामक फर्म के खाते में ट्रांसफर करवाई गई।
जांच के दौरान यह सामने आया कि ‘कुचु-पुचु इंटरप्राइजेज’ में सुजीत कुमार की पत्नी पार्टनर हैं, जिससे स्पष्ट होता है कि यह भुगतान सीधे तौर पर उनके पारिवारिक हित में किया गया था।
बैंक दस्तावेज और स्टांप पेपर बने साक्ष्य
शिकायतकर्ता द्वारा ट्रांजैक्शन से जुड़े बैंक स्टेटमेंट, स्टाम्प पेपर और अन्य प्रमाण भी प्रस्तुत किए गए थे, जिन्हें प्राथमिक जांच में पूरी तरह सत्य पाया गया। आरोप गंभीर होने के बावजूद अभियंता सुजीत कुमार को 15 दिन में जवाब दाखिल करने का मौका दिया गया था, लेकिन उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया।
मुख्यमंत्री के आदेश पर सख्त कार्रवाई
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर कार्मिक एवं सतर्कता विभाग द्वारा मामले की खुली जांच की गई, जिसमें सुजीत कुमार पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोप पूरी तरह साबित हुए। जांच रिपोर्ट के आधार पर उन्हें आचरण नियमों का उल्लंघन करते हुए पाया गया।
सरकार ने साफ किया है कि “भ्रष्टाचार पर कोई समझौता नहीं होगा।” अब तक इस नीति के तहत 200 से अधिक अधिकारियों पर कार्रवाई की जा चुकी है।