देहरादून: राज्य के बहुचर्चित पेपर लीक मामले में सोमवार को बड़ी कार्रवाई हुई है। सीबीआई (CBI) की देहरादून शाखा ने औपचारिक रूप से मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। यह मामला अब केंद्रीय एजेंसी के हाथों में चला गया है।
सीबीआई ने जांच की शुरुआत करते हुए अब तक की सभी एसआईटी जांच रिपोर्ट और संबंधित दस्तावेज तलब किए हैं। इससे पहले यह मामला देहरादून के रायपुर थाना क्षेत्र में दर्ज हुआ था और एएसपी जया बलोनी के नेतृत्व में गठित एसआईटी जांच कर रही थी।
मामला कैसे पहुंचा सीबीआई तक
21 सितंबर को उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) द्वारा स्नातक स्तरीय परीक्षा कराई गई थी। इस परीक्षा का पेपर उम्मीदवार खालिद ने परीक्षा केंद्र से व्हाट्सएप के जरिए बाहर भेज दिया था।
जैसे ही यह खबर सामने आई, राज्य में बड़ा विरोध शुरू हो गया। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए एसआईटी का गठन किया और जांच शुरू की। वहीं, मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने रिटायर्ड जस्टिस यूसी ध्यानी से भी स्वतंत्र जांच करवाई।
11 अक्टूबर को परीक्षा रद्द कर दी गई। इसके बाद सरकार ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से जांच की सिफारिश की, जिस पर सोमवार को सीबीआई ने मुकदमा दर्ज कर लिया।
सीबीआई करेगी गहराई से जांच
सीबीआई अब इस बात की तहकीकात करेगी कि पेपर लीक किस स्तर पर हुआ, इसमें कौन-कौन लोग शामिल थे, और क्या यह किसी संगठित गिरोह की साजिश थी।
राज्य पुलिस की जांच में अब तक हरिद्वार के जट बहादुर परीक्षा केंद्र से पेपर लीक करने वाले आरोपी खालिद और उसकी बहन हिना को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।
एडीजी अपराध ने दी जानकारी
एडीजी अपराध एवं कानून व्यवस्था वी. मुरूगेशन ने बताया कि —
“सीबीआई ने केस अपने हाथ में ले लिया है। राज्य पुलिस की ओर से अब तक की गई जांच की रिपोर्ट और सभी दस्तावेज सीबीआई को सौंपे जा रहे हैं।”
क्या-क्या मांगे सीबीआई ने
- अब तक की जांच से जुड़ी केस डायरी और सभी दस्तावेज
- संदिग्ध अभ्यर्थियों और परीक्षा केंद्रों की सूची
- एसआईटी की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट और बयान
राज्य में लंबे समय से चर्चित यह पेपर लीक मामला अब सीबीआई की जांच के दायरे में आ गया है।
जनता को अब उम्मीद है कि केंद्रीय एजेंसी इस पूरे मामले की पारदर्शी और निष्पक्ष जांच कर दोषियों को जल्द बेनकाब करेगी।


