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लाॅकडाउन के बाद जगह-जगह फंस गये युवकों को नही मिल रही सरकार की मदद

जगदम्बा कोठारी
केंद्र सरकार के अचानक से 21 दिन के लाॅक डाउन बड़ाये जाने की घोषणा के बाद से प्रदेश भर मे अव्यवस्था का माहौल बन गया है। रोजगार की तलाश मे प्रदेश से बाहर गये गढ़वाल और कुमांऊ के जिलों के सैंकड़ों युवा अभी भी देश के अलग अलग शहरों मे फंसे हैं।

आलम यह है कि इन लोगों के पास न तो रहने की जगह है और न ही खाने को रोटी। हजारों की संख्या मे प्रदेशवासी दिल्ली के कश्मीरी गेट और आंनद विहार जैसे बस अड्डों पर धक्के खा रहे हैं। हद तो तब हो रही है जब दिल्ली मे बैठी उत्तराखंड सरकार की अस्सिसटेंड रेजीडेंट कमीश्नर के पद पर तैनात श्रीमती ईला गिरी इन परेशान युवाओं की सहायता करना तो दूर इनका फोन तक नहीं उठा रही है।

पर्वतजन टीम भी लगातार परेशान इन युवाओं की सहायता करने के लिए ईला गिरी से संपर्क करने की कोशिश मे है मगर कल से यह महोदया फोन रिसीव नहीं कर रही हैं, जबकि दिल्ली मे फंसे प्रदेश के नागरिकों की सहायता के लिए ही अस्सिटेंट रेजीडेंट कमिश्नर की नियुक्ति की गयी है। संकट की इस घड़ी मे भी उत्तराखंड सरकार के यह अधिकारी मुसीबत के मारों की तकलीफ नहीं समझ रहे हैं।

हालांकि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एक ट्वीट के माध्यम से यह दावा किया है कि उत्तराखंड सरकार के रेजिडेंट कमिश्नर ऑफिस इसके लिए काम कर रहा है और 200 लोगों को भेजने का इंतजाम सरकार ने किया है। चौतरफा फजीहत के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एक और अधिकारी आलोक पांडे को प्रवासी उत्तराखंडियो की दिक्कतों को सुलझाने के लिए तैनात किया है, जिनका मोबाइल नंबर 6398 520 0571 है ।

सैकड़ों लोग महामारी से पहले ही भूख और प्यास से मरने को मजबूर हैं और ऐसे मे अगर इन युवाओं के बीच कोई कोरोना संक्रमित व्यक्ति हो तो इसके भयावह परिणाम की कल्पना करने से भी रूह कांप उठती है।

इससे समझा जा सकता है कि महामारी को लेकर त्रीवेन्द्र सरकार कितनी गम्भीर है। लाॅक डाउन करना हर समस्या का समाधान नहीं है साथ ही रास्तों मे फंसे नागरिकों को गन्तव्य तक पहुंचाना भी सरकार की जिम्मेदारी है और सरकार की ही तरफ से इन फंसे लोगों को समुचित मदद नहीं मिल पाने के कारण यह लोग भूखे प्यासे सड़कों पर भटक रहे हैं।
हालांकि कुछ संवेदनशील प्रवासी उत्तराखंडियों द्वारा इन फंसे लोगों की मदद का प्रयास करने की कोशिश की भी जा रही है मगर पुलिस की सख्ती के कारण इन लोगों तक सहायता नहीं पहुंच पा रही है।

जो लोग प्रदेश के दून, ऋषिकेश, हल्द्वानी और हरिद्वार जैंसे नजदीकी शहरों के कामगर हैं तो वह भी अचानक से लाॅक डाउन और संस्थान बंद होने के कारण वहीं फंस गये हैं। वह महीने भर जो भी कमाते हैं उसमे से अधिकांश वह परिवार के भरण पोषण के लिए गांव भेज देते हैं और अब उनके पास 21 दिन तक खाने के लिए न तो पर्याप्त रसद है और न ही पैसे। ऐसे मे वह यदि अपने गांव जाना चाहते हैं तो यातायात सुविधा न होने के कारण जा भी नहीं सकते और पिछले तीन दिनों से त्रिवेंद्र सरकार उनकी सुध नहीं ले रही है।

वहीं फंसे पड़े युवा अब सोशल मीडिया से और रिश्तेदारों को फोन कर मदद मांग रहे हैं मगर लाॅक डाउन के चलते उनको मदद नहीं मिल रही है। पिछले तीन चार दिनों से रास्तों मे फंसे इन कामगारों को गन्तव्य तक पहुंचाने के लिए सरकार की ओर से कोई गाईड लाईन तक जारी नहीं की गयी हैं। ऐसे मे कई युवा ऋषिकेश से पैदल ही पर्वतीय जिलों की ओर जा रहे हैं। इनके पास खाने तक को कुछ नहीं है। प्रदेश से बाहर की बात करें तो दिल्ली, मुंबई, चंढीगढ़, बैंगलोर समेत देश भर मे उत्तराखंड के कामगर हजारों लोग फंसे पड़े हैं। दूसरी ओर प्रदेश के कई शहरों मे हजारों पर्यटक भी लाॅक डाउन के कारण होटलों मे कैद हो गये हैं। वहीं विदेश से भी प्रवासी भारतीय लगातार भारत सरकार से स्वदेश वापसी की गुहार लगा रहे हैं। ऐसे मे अगर जल्द सरकार ऐंसे लोगों तक मदद नहीं पहुंचा सकी तो महामारी फैलने से पहले ही इसके गंभीर परिणाम सामने आने लगेंगे।

सरकार ने बनाया एक और कंट्रोल रूम

इसके अलावा आज सरकार ने कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए सेटेलाइट कंट्रोल रूम सस्पेक्ट पर्सन कांटेक्ट ट्रेसिंग (एसपीसीटी) का भी गठन किया है।

 आईएएस चंद्रेश कुमार को कोविड-19 यूके कंट्रोल सेंटर तथा कांटेक्ट ट्रेसिंग की कमान सौंपी गई है। यदि किसी परिवार अथवा आस पड़ोस में कोई व्यक्ति जो कि हाल ही में गांव में आया हो तो उसके संबंध में जानकारी यहां पर दी जा सकती है। ताकि कोरोना महामारी को बढ़ने से रोका जा सके।
 राज्य के 10 जिलों में देहरादून, टिहरी, उत्तरकाशी ,चमोली, रुद्रप्रयाग, पौड़ी, बागेश्वर ,पिथौरागढ़, चंपावत और अल्मोड़ा की मॉनिटरिंग एवं कांटेक्ट ट्रेसिंग इस कंट्रोल सेंटर से की जाएगी। इसके नंबर 7055300910 तथा दूसरे नंबर 0135 275 1671 और 275 3894 है।
इसके अलावा राज्य के तीन जिलों नैनीताल, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर के कोरोना संक्रमित को ट्रैक करने के लिए हरिद्वार में कंट्रोल रूम बनाया गया है। इसकी कमान आईपीएस जन्मेजय खंडूरी को सौंपी गई है। इनका नंबर 8755292727 तथा दूसरा नंबर 9997749331 है। इसके अलावा एक और नंबर 01334 270010 है। यह सेंटर चुस्त-दुरुस्त काम करता है तो काफी हद तक महामारी को रोकने में सहायता मिल सकती है।
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