Uttarakhand News: डीएम की सख्ती के बाद लाइन पर आया स्कूल प्रबंधन। जारी किया शिक्षिका का वेतन और अनुभव प्रमाण पत्र

देहरादून। नीरज उत्तराखंडी 

जिले के प्रतिष्ठित इडिफाई वर्ल्ड स्कूल में महीनों से लंबित पड़ा शिक्षिका कनिका मदान का वेतन और अनुभव प्रमाण पत्र आखिरकार जारी कर दिया गया है।

डीएम सविन बंसल के संज्ञान में मामला आने के बाद स्कूल प्रबंधन को रातोंरात वेतन और अनुभव प्रमाण पत्र जारी करना पड़ा। शिक्षिका ने शनिवार को अपनी नन्ही बेटियों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचकर डीएम सविन बंसल को धन्यवाद दिया।

महीनों से रुका था वेतन और अनुभव प्रमाण पत्र

कनिका मदान, जो मोथरोवाला स्थित इडिफाई वर्ल्ड स्कूल में पढ़ाती थीं, ने बताया कि स्कूल प्रबंधन ने उनके दो माह का वेतन और सुरक्षा राशि ₹78,966 रोक रखी थी।

इतना ही नहीं, इस्तीफा देने के बाद अनुभव प्रमाण पत्र (Experience Certificate) जारी करने से भी स्कूल इंकार कर रहा था।

13 अक्टूबर को जनता दर्शन कार्यक्रम में शिक्षिका ने जिलाधिकारी से गुहार लगाई थी कि उन्हें न केवल उनका वेतन बल्कि अनुभव प्रमाण पत्र भी नहीं दिया जा रहा है।

इस पर डीएम सविन बंसल ने तुरंत मुख्य शिक्षा अधिकारी को जांच कर कार्यवाही करने के निर्देश दिए थे।

डीएम के आदेश के बाद स्कूल प्रबंधन आया लाइन पर

जिलाधिकारी के निर्देश मिलते ही स्कूल प्रशासन ने दो दिन के भीतर लंबित वेतन और सुरक्षा राशि के चेक जारी कर दिए। इसके बाद भी अनुभव प्रमाण पत्र में शिक्षक का पदनाम और जिम्मेदारी का विवरण नहीं दिया गया था।

जब यह बात डीएम के संज्ञान में आई तो उन्होंने कड़ा निर्देश जारी किया कि अनुभव प्रमाण पत्र में शिक्षिका की भूमिका और पद स्पष्ट रूप से दर्ज किया जाए।

आदेश के बाद स्कूल प्रबंधन ने नया प्रमाण पत्र जारी किया, जिसमें शिक्षिका का पद — क्लास 12 तक की शिक्षण कार्य और कोऑर्डिनेटर पद की जिम्मेदारी — स्पष्ट रूप से दर्शाया गया।

शिक्षिका ने डीएम को दिया धन्यवाद

शिक्षिका कनिका मदान अपनी दोनों बेटियों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचीं और डीएम सविन बंसल का आभार जताया। उन्होंने कहा —

“अगर जिलाधिकारी साहब समय पर हस्तक्षेप न करते, तो मेरा हक शायद कभी नहीं मिलता। अब मुझे मेरा वेतन और अनुभव प्रमाण पत्र दोनों मिल गए हैं।”

डीएम की सख्त कार्यशैली बनी मिसाल

डीएम सविन बंसल अपने तेज निर्णयों और जनहित के मामलों में सख्त एक्शन के लिए जाने जाते हैं। वे लगातार ऐसे मामलों में तुरंत समाधान करवा रहे हैं, जिससे आम जनता का प्रशासन पर विश्वास बढ़ा है।

सूत्रों के अनुसार, डीएम के कड़े रुख के बाद अब कई निजी स्कूलों में भी कर्मचारियों के बकाया मामलों को लेकर तेजी से निपटान किया जा रहा है।

 

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