जगदंबा कोठारी
देहरादून जिले के अंतर्गत ऋषिकेश एम्स में एक और नर्स में कोरोना की पुष्टि हुई है।
यह माना जा रहा है कि इस नर्स में यूरोलॉजी वार्ड से ही संक्रमण आया है।
यह भी संभावना है कि यूरोलॉजी वार्ड में जो महिला पहले संक्रमित पाई गई थी संभवत वहीं से यह संक्रमण आया है। कल ही नर्स का सैंपल लिया गया था और यह नर्स कल भी ड्यूटी पर थी
नर्स को पहले ही क्वॉरेंटाइन किया जा चुका था।
नर्स के परिजनों समेत कुल 4 लोगों को इंस्टिट्यूशनल क्वॉरेंटाइन में भेजा जा रहा है। महिला के पति बैंक कर्मी है इनके बच्चे और किराएदार को भी वारंट टाइम किया गया है।
यह नर्स उत्तर प्रदेश की रहने वाली है और यही नौकरी कर रही थी। यह नर्स ऋषिकेश आवास विकास की रहने वाली थी इस इलाके को सील किया जा रहा है।
इसके साथ ही उत्तराखंड में रह रहे अब तक 61 लोगों में कोरोनावायरस के मामले सामने आ चुके हैं जिसमें एम्स में कुल 6 मरीज आमने आ चुके हैं।
इस ताजे संक्रमण के पीछे एम्स प्रशासन की गंभीर लापरवाही सामने आ रही है।
यह हैरतअंगेज मामला है कि जहां एक ओर दून अस्पताल से मरीज ठीक होकर के घर जा रहे हैं, वहीं एम्स जैसे विख्यात चिकित्सालय में लोग संक्रमित हो रहे हैं।
यह एम्स प्रशासन की लापरवाही अथवा प्रबंधन क्षमता पर भी सवाल खड़े करता है।
यहां पर एक और तथ्य भी गौर करने लायक है कि देहरादून के चमन विहार निवासी व्यक्ति में कोरोना संक्रमण को लेकर कल शाम 3:00 बजे से उत्तराखंड सरकार ने कोई मेडिकल बुलेटिन जारी नहीं किया है।
इसके पीछे संभव है कि इस मरीज में कोरोना की जांच दिल्ली के अपोलो अस्पताल में हुई थी, बहरहाल केवल 2 दिन के लिए दिल्ली गए इस व्यक्ति में कोरोनावायरस है। अब यहां कहां संक्रमित हुआ यह विशेषज्ञ ही बता सकते हैं।
उत्तराखंड से ही संबंधित होने के कारण यह मामला भी उत्तराखंड का ही बन जाता है।
एहतियात के तौर पर इस व्यक्ति के निवास स्थान चमन विहार को पाबंद कर दिया गया है।